डा. हेडगेवार स्मारक समिति के व्याख्यान-चिंतन यज्ञ में हुआ युवाओं की भूमिका पर मंथन
इंदौर, 13 अप्रैल। डा. हेडगेवार स्मारक समिति द्वारा आयोजित व्याख्यान-चिंतन यज्ञ में ऑर्गेनाइजर पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने युवाओं को देश के भविष्य का निर्माता बताते हुए कहा कि भारत की मूल व्यवस्थाओं के अध्ययन के साथ समकालीन सोच का विकास अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि हम ऐसा नहीं करते, तो सनातन परंपराओं का आधुनिक रूप सामने नहीं आ पाएगा।
केतकर ने कहा कि सनातन और आधुनिकता के बीच समन्वय का दायित्व हमेशा युवा पीढ़ी पर रहा है। आज का युवा ऊर्जा से भरा हुआ है, उसमें आस्था भी है और आधुनिकता में सफलता की चाह भी, लेकिन उसे सही दिशा की आवश्यकता है, जो चिंतन और मंथन से ही प्राप्त होगी।
उन्होंने तप और यज्ञ की महत्ता को समझाते हुए कहा कि तप व्यक्तिगत प्रयास है, जबकि यज्ञ सामूहिक प्रयास है। युवाओं को पहले अपने तप का विषय चुनकर स्वाध्याय और मनन करना चाहिए, तभी वे समाज के हित में यज्ञ कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण, सामाजिक व्यवस्था और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा जैसे अनेक विषयों पर भारत को समाधान देना है और विश्व भारत की ओर आशा से देख रहा है।
कार्यक्रम में कर्नल वी.के. सैनी और पूर्व पुलिस उपमहानिरीक्षक धर्मेंद्र चौधरी ने भी युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।