आईआईएम इंदौर में हुआ आईटीईसी डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर कार्यकारी पाठ्यक्रम का शुभारंभआईआईएम इंदौर में हुआ आईटीईसी डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर कार्यकारी पाठ्यक्रम का शुभारंभ

आईआईएम इंदौर में हुआ अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ अधिकारियों के लिए आईटीईसी डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) पर कार्यकारी पाठ्यक्रम का शुभारंभ

– विभिन्न देशों के 30 वरिष्ठ अधिकारी 6 दिवसीय कार्यक्रम में ले रहे भाग

इंदौर, 23 अक्टूबर 2023

  newso2.com@gmail.com 

भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) में आज डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) पर आईटीईसी (भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग) कार्यकारी पाठ्यक्रम का शुभारंभ हुआ । भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित यह कार्यक्रम 23 अक्टूबर से 28 अक्टूबर 2023 तक आयोजित किया जाएगा।  होंडुरास, क्यूबा, ​​कोस्टा रिका, निकारागुआ, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, ग्वाटेमाला, अल साल्वाडोर, डोमिनिकन गणराज्य, सूरीनाम, बोलीविया, ब्राजील, जमैका, लाओ पीडीआर, नाइजीरिया, मालदीव, कंबोडिया, मिस्र, वियतनाम और श्रीलंका के तीस वरिष्ठ अधिकारी इसमें भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम का उद्घाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो.हिमाँशु राय ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक प्रो. राजहंस मिश्र भी उपस्थित थे।

आईआईएम इंदौर की मीडिया अधिकारी अनन्या मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अपने उद्घाटन भाषण में, प्रो. राय ने डीपीआई कार्यक्रम के महत्व और वैश्विक स्तर पर नागरिक-केंद्रित और व्यवसाय-संबंधित अनुप्रयोगों में क्रांति लाने की इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का भारत में और संस्थान में स्वागत किया और कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि एकीकृत विचारों, स्पष्ट चिंतन और साझा लक्ष्यों के साथ, हम किसी भी चुनौती से निपटने की शक्ति रखते हैं । वसुधैव कुटुंबकम के अनुरूप, यह कार्यक्रम डिजिटल विकास और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में हमारी सामूहिक वैश्विक जिम्मेदारी को भी दर्शाता है ।”

एक राष्ट्र की समृद्धि दूसरों की कीमत पर नहीं आनी चाहिए- प्रो. राय

प्रो. राय ने उल्लेख किया कि आईआईएम इंदौर का दृष्टिकोण सभी के लिए समृद्धि प्राप्त करना है । एक राष्ट्र की समृद्धि दूसरों की कीमत पर नहीं आनी चाहिए; यह संचयी विकास की दिशा में एक साझा यात्रा है। “हम समझते हैं कि डिजिटल और पर्यावरणीय क्षेत्र भिन्न हैं किन्तु ये स्वाभाविक रूप से परस्पर जुड़े हुए हैं । प्रौद्योगिकी, प्रगति को सक्षम करने के साथ-साथ, प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने की जिम्मेदारी भी हमारे ऊपर है। ये परस्पर जुड़े मुद्दे एक समग्र दृष्टिकोण की मांग करते हैं। हमें समझना होगा कि यह केवल एक पर्यावरणीय मामला नहीं है, बल्कि हमारे द्वारा किए जाने वाले कार्यों के बारे में भी है– कि हम कब, कौन सा कदम उठाते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम के दौरान विविध वैश्विक जीवनशैली और दृष्टिकोणों में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए एक-दूसरे से चर्चा करने, अपना नेटवर्क बनाने और एक-दूसरे से सीखने का अवसर लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, यह सामूहिक वैश्विक जागरूकता वह आधार है जिस पर हम सभी के लिए एक उज्जवल भविष्य का निर्माण करना चाहते हैं।

यह कार्यक्रम आधार, यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) और डिजीलॉकर पर विशेष जोर देने के साथ डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित है। ये बुनियादी ढांचे मौजूदा और भविष्य के नागरिक-केंद्रित और व्यवसाय-संबंधी अनुप्रयोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। प्रतिभागी डीपीआई सेवाओं की कार्यप्रणाली और कृषि, शिक्षा, कराधान और अन्य विविध क्षेत्रों में उनके अनुप्रयोग के बारे में जानकारी ले सकेंगे।

विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से भी चर्चा

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागी विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से भी चर्चा करेंगे। सत्रों में नेतृत्व संचार, डीपीआई के अवलोकन के साथ प्रौद्योगिकी में उभरते नेता के रूप में भारत की भूमिका, वैश्विक डीपीआई पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना, डीपीआई पर साइबर सुरक्षा, हाइपर-निजीकरण के लिए एआई-समर्थित प्लेटफार्म, राष्ट्रीय सांस्कृतिक, ऑडियो-विज़ुअल आर्काइव, समुद्र के अंदर इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर, आयकर पोर्टल सुलह और प्रभाव, डीपीआई के लिए बुनियादी ढांचे की आवश्यकताएं, डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क, आधार और इसकी सेवाएं, कृषि-फिनटेक, प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा और सीखने की सक्षमता, डीपीआई के साथ वित्तीय समावेशन, और का निर्माण डीपीआई रणनीति शामिल हैं। यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को उभरती प्रौद्योगिकियों और नागरिक-केंद्रित और व्यावसायिक सेवाओं के लिए उनकी परिवर्तनकारी क्षमता में मूल्यवान अंतर्दृष्टि से लैस करेगा। उद्घाटन प्रो. राजहंस मिश्र के धन्यवाद ज्ञापन के साथ संपन्न हुआ।

आईआईएम इंदौर ने इससे पहले भी शिक्षा और सहयोग के लिए वैश्विक दृष्टिकोण अपनाते हुए विभिन्न देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। संस्थान ने मंगोलिया, कंबोडिया, इराक और आइवरी कोस्ट जैसे देशों से आए अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों के लिए सफलतापूर्वक कार्यक्रम आयोजित किए हैं। आईआईएम इंदौर अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, ज्ञान आदान-प्रदान और अंतर-सांस्कृतिक अनुभवों से सीखने के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है । ये पहल न केवल भारत की विशेषज्ञता और संस्कृतिकी समझ को बढ़ावा देती हैं बल्कि विविध वैश्विक परिप्रेक्ष्यों के बारे में हमारी समझ को भी समृद्ध करती हैं।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (UNI) से जुड़े। स्वतंत्र विश्लेषक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरी पकड़। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta यूट्यूब चैनल और NewsO2.com से जुड़े। 📌 निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।