मोदी सरकार का करम – कार्पोरेट पर रहम, आम आदमी पर सितम –इंदौर मे भाजपा और पीएम मोदी पर सुप्रिया श्रीनेत ने हमला बोला
सीएम शिवराज सिंह चौहान के प्रति कांग्रेस ने दिखाई सहनुभूति
इंदौर, 21 अक्टूबर 2023
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत शनिवार को इंदौर के एक निजी होटल में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में रूबरू हुईं। श्रीनेत ने यहाँ अपने तेज तर्रार तीखे अंदाज में प्रश्नों का जवाब देते हुए राज्य और केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होने भुखमरी में भारत के अग्रणी स्थान, कारपोरेट कर्ज के प्रति केंद्र सरकार की उदार नीतियों और आम जनमानस के सामने बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। मप्र विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के प्रचार के मद्देनजर इंदौर पहुंची श्रीनेत ने कांग्रेस शासन की उपलब्धियों और हालिया चुनावी वादों का भी बखान किया। प्रस्तुत है श्रीनेत से पूछे गए सवालों और उनके जवाबों/ प्रतिक्रिया के संपादित अंश:-
प्र- आपने कहा कि प्रदेश सरकार पर चार लाख करोड़ का कर्ज है, ये रेवड़ी कल्चर नहीं है?
उ-12 लाख करोड़ के ऋण माफ किए जाते हैं, 10 लाख करोड़ बट्टे खाते में डाल दिया जाता है। जब सरकार एक साल में कारपोरेट टैक्स कट करके 5 लाख करोड़ का घाटा सहती है। आटा, दही पर जीएसटी लग रही है, रेवड़ी शब्द पीएम मोदी ने दिया। मोदी कहते नहीं थकते कि उन्होने 80 करोड़ लोगों को फ्री का राशन दिया, कहाँ से राशन लाये थे, क्या अपने घर से लाये थे। पार्टी से लाये थे या अपने नानाजी के घर से लाए थे। अरे, किसानों ने अनाज पैदा किया। खाद्य सुरक्षा योजना है। आप देश को इस कगार पर ले आए कि आपको 80 करोड़ लोगों को अनाज देना पड़ रहा है नहीं तो लोग भुखमरी से मर जाएँ। हकीकत यह है कि आज भुखमरी में भारत का स्थान 111 वां है और देश की महिला बाल विकास मंत्री को ये पता नहीं है कि कुपोषण, शिशु मृत्यु दर मापक में शामिल की जाती है। वे कहती हैं कि मैं हवाई जहाज से घूम रही थी, खाना नहीं खा पाई तो मैं भी भुखमरी इंडेक्स में आ गई। अरे मैडम ,हवाई जहाज में कोई भी मील ऑर्डर कर लीजिये। ये जो असंवेदनशीलता है ये लोग रेवड़ी की बात करते हैं। गरीब, किसान, मजदूर, शोषित वर्ग के लिए काम करना, सरकारें इसके लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। अडानी के लिए काम करने वाले लोग रेवड़ी की बात बिलकुल न करें।
प्र- जो पैसा बांटने का आप कह रही हैं, ये पैसा कहाँ से आएगा ?
उ- अच्छा सवाल है, ये पैसा अभी भी है। 4 लाख करोड़ का कर्जा हो गया। दो साल में एक लाख करोड़ का कर्जा लिया गया, वो निवेश कहाँ हुआ है? थोड़ी खोजी पत्रकारिता आप लोग भी करिए। जो 253 बड़े-बड़े घोटाले हुए हैं, उसमें ये पैसा डाला गया। कोई दूसरी सरकार होती तो पैसे को निवेश करती, रोजगार के साधन बनाती और प्राइवेट सेक्टर का इनवेस्टमेंट क्राउड इन करती। इस सरकार ने क्यों नहीं किया। यदि आप कर्ज उठा रहे हैं तो उसे निवेश कहाँ करते हैं, उस पर सब निर्भर करता है। इकोनोमी की थोड़ी बहुत समझ होने के नाते बता रही हूँ कि वर्चुअल साइकिल ऑफ इकोनोमी होती है, यदि आप थोड़े दाम कम करिएगा, लोगों को बेरोजगारी और महंगाई से राहत दीजिएगा। यदि उनके हाथ में पैसा ज्यादा आएगा तो वे उपभोग ज्यादा करेंगे। उपभोग ज्यादा करने से कंपनी वो वस्तु ज्यादा बनाएगी, ज्यादा बनने से ज्यादा निवेश करेगी, निवेश से नौकरी देगी। इसको वर्चउस साइकिल ऑफ इकोनोमी वन ऑन वन कहा जाता है,ये शायद शिवराज सरकार को समझ नहीं आया। कर्जा लाद दिया गया, निवेश नहीं हुआ। हम निवेश करेंगे।
प्र- शिवराज लगातार कह रहे हैं कि यदि कांग्रेस की सरकार आती है लाड़ली बहना योजना बंद हो जाएगी।
उ- चलिये, शिवराज सिंह चौहान ये तो मानते हैं कि हमारी सरकार आ रही है। वे जहां भी जा रहे हैं यही कह रहे हैं कि मैं चला जाऊंगा तो बड़ा याद आऊँगा। मुझे उनके लिए बहुत दुख होता है। आज मैं भोपाल से इंदौर आ रही थी। बड़े बड़े होर्डिंग लगे थे जिसमें मोदी थे। मैंने मुख्यमंत्री को ढूँढने की कोशिश की तो 8-10 लोगों के झुंड में वे भी एक थे। मुझे बहुत दुख हुआ इस बात का। वे 18 साल से मुख्यमंत्री हैं। कोई बात नहीं आप बहुत सारे नेताओं को निपटाना चाहते हैं। शिवराज को साइड लाइन करना चाहते हैं लेकिन किसी मुख्यमंत्री के साथ ऐसा करना मुझे गलत लगता है। मेरे विश्वसनीय सूत्र कह रहे हैं कि हो सकता मोदी मप्र से विधायक का चुनाव लड़ लें, वे यहाँ अपने ही चेहरे पर वोट मांग रहे हैं, उन्हें मप्र से इतना मोह है लेकिन वे मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं लड़ना चाहते, वे लड़ना चाहते हैं नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए। यही काम उन्होने हिमाचल और कर्नाटक में में किया था, जनता का जवाब आपके सामने है।
प्र- कोरोना महामारी जैसी त्रासदी हमने झेली है। कोरोना कुप्रबंधन, कोरोना मिस हैंडलिंग से अनेकों अनेक जानें गई हैं। आखिर कोरोना चुनावी मुद्दा क्यों नहीं है? क्या हम कोरोना को भूल गए हैं?
उ- कोरोना को कोई भूल नहीं सकता है। इतनी बड़ी आपदा हुई, हर व्यक्ति का कोई न कोई अपना कोरोना में चल बसा। जब कोरोना की सुनामी के बारे में हमारे नेता बोल रहे थे, तब हमारे प्रधानमंत्री नमस्ते ट्रम्प करा रहे थे और मप्र की चुनी सरकार गिरा रहे थे। जब लोग तड़प तड़प के बिना ऑक्सीज़न के मर रहे थे, तब इस देश के प्रधानमंत्री बंगाल में जाकर दीदी ओ दीदी कर रहे थे, हम भूले बिलकुल नहीं हैं। कोरोना का ही नतीजा है हम 25 लाख के बीमा योजना की बात कर रहे हैं, आप उच्च, निम्न, मध्यम वर्गीय कोई भी हों लेकिन जब घर में कोई भी बीमार होता है तो सबका बजट बिगड़ जाता है। मुझे लगता है घावों पर मरहम लगाने का काम किया जाना चाहिए, कुरेदने का काम दूसरे लोग करते हैं, हम वो लोग नहीं हैं।
प्र- भाजपा ने कमलनाथ को सिख दंगों का जिम्मेदार ठहराते हुए सरगना शब्द का उपयोग किया है?
ये राजनीति का सबसे विद्रूप रूप है कि जब आपके पास 18 साल का रिपोर्ट कार्ड न हो। आप लोगों के घावों पर मलहम लगाने के बजाय नमक लगाकर रगड़ते हैं, वो दिखाता है आप कितने विद्रुप हैं।
प्र- सपा प्रमुख का बयान देखा, इंडिया अलाइन्स में सब कुछ ठीक है? यदि कोई विवाद है तो उसके पटाक्षेप के लिए क्या करेंगे?
मैं नहीं मानती हूँ कि सब ठीक है। मुझे लगता है राजनीति महत्वकांशी चीज है, टिकट बँटवारे में ताना बाना थोड़ा खिंचता है वो हुआ। हमारे सीनियर लीडर्स उनके संपर्क में हैं। हाँ कुछ लोगों ने ऐसी टिप्पणियाँ की थीं जो नहीं करनी चाहिए थी। आपने जिनका नाम लिया, हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने बिलकुल स्पष्ट किया और ये भी कहा कि मेरी किसी बात से बुरा लगा हो तो क्षमा चाहता हूँ। मुझे ऐसा लगता है कि हम लोग थान के कटे हुए कपड़े नहीं हैं। हम एक उद्देश्य के लिए साथ आए हैं और हमारा उद्देश्य ये है कि ये देश संविधान से चलना चाहिए। इस देश में ऐसा माहौल नहीं बनना चाहिए कि भाई- भाई एक दूसरे के अपराधी बन जाएँ। जिस वजह से हम साथ साथ आए हैं। हमारे मतभेद स्वाभाविक हैं। हर बार आप दो बातें सुनते हैं तो पहला भाजपा का और दूसरा मीडिया के कुछ साथियों का अरे भैया इंडिया गठबंधन टूट गया। मैं आपको बता दूँ ये जोड़ बहुत मजबूत है, टूटने वाला नहीं है। आपकी चिंता स्वाभाविक है। हमारे बहुत सारे वरिष्ठ नेता उनसे मिलकर बातचीत कर समाधान निकाल लेंगे।
प्र- मप्र में आपकी पार्टी में अंतर्कलह, महू में भी अंतरकलह सामने आई है?
उ- आप हमारी अंतरखींच की बात कर रहे हैं आप बात करिए उस खत की जो साइन करके भाजपा प्रदेश प्रभारी को दी है और उसमें कहा है कि कैलाश और उषा जैसे बाहरी लोगों को टिकट दिया गया, जिससे उनकी अवमानना हुई है। राजस्थान के नेता अपने घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। मोदी जी का बरदहस्त प्राप्त कर आए, मुझे लगता है जनता नहीं कार्यकर्ता आक्रोशित है। हम प्रचंड बहुमत से जीतेंगे।
प्र- जातिगत जनगणना , राजीव गांधी ने 3 घंटे तक जातिगत आरक्षण पर भाषण दिया था, उन्हें आपत्ति थी
हमारी मजबूरी नहीं, समय की डिमांड है, हर व्यक्ति जातिगत जनगणना की बात करे। 1990 के भारत और 2023 के भारत में अंतर है , जो शोषित, वंचित, पिछड़े समाज के लोग हैं, आज उनके अंदर महत्वकांक्षा है बढ्ने कि और हम उसे सिर्फ इसलिए दबाए रखें क्योंकि हमने पहले कुछ किया था। 1990 में जब राजीव गांधी जी महिला आरक्षण लाये थे, तब किसने पारित नहीं होने दिया था- आडवाणी, अटल, राम जेठमलानी, जशवंत सिंह ने। तो क्या वे पहले महिला आरक्षण के खिलाफ थे,अब समर्थन में खड़े हैं? हर पार्टी अपना स्टैंड परिस्थितियों को देखकर, बदलती राजनीति को लेकर, लोगों की डिमांड को लेकर बदलती हैं। जब राजीव जी ये बात कह रहे थे, तब लोग आत्म दाह कर रहे थे, शांति बहाल करने के लिए ये किया गया। जातिगत जन गणना से लोगों को जोड़ने की बात करते हैं।
प्र- एजुकेशन लोन लिए हैं, बैंक प्रेशर बनाए हैं, लोग आत्महत्या कर चुके हैं।
स्टूडेंट सुसाइड की यही बात राहुल-प्रियंका ने तेलांगना की एक रैली में कही। आईएनसी ने वो रैली दिखाई जिस पर ट्विटर ने हमारा कंटेन्ट रेस्ट्रिक्ट करने की कोशिश की गई, ये असलियत है मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की सरकार के दबाव के चलते। आपने बात करी एजुकेशन लोन की। 50 हजार ऐसे बच्चे हैं जिनहोने सेंट्रल यूनिवर्सिटी से नाम कटवा लिया है, क्योंकि उनके पास पैसा नहीं। हमारे 2019 के मेनिफेस्टो में इस पर बात रखी गई है। आने वाले समय में हम पर बिलकुल चर्चा करेंगे। एजुकेशन लोन को एक नए सिरे से देखने की जरूरत है, इसे पर्सनल, होम, आटो लोन की तरह नहीं देखना चाहिए। एक व्यक्ति को शिक्षा के बाद रोजगार मिलना चाहिए, इस पर हमारी पार्टी में चर्चा चल रही है। हम कोई समाधान जरूर देंगे।
प्र- कांग्रेस में कम महिलाओं को टिकट दिया है?
कांग्रेस वो पार्टी है जिसकी अध्यक्ष सबसे लंबे समय तक एक महिला रही, प्रधानमंत्री महिला रहीं। जब हम महिला आरक्षण बिल लाये थे तब हमने न दिमिलिटेशन न ही जनगणना का जाल फंसाया था। हमने 30 महिलाओं 15 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया है।
प्र- सनातनी
हमसे बड़ा न कोई हिन्दू है न हमसे बड़ा कोई भारतीय है। हमने इस देश को एक रखने के लिए शहादत दी है। हमने अपने प्रधानमंत्री को गोलियों से भूनते हुए देखा है। राहुल गांधी उस परिवार से आते हैं जब पिता की अन्त्योष्टि करने जा रहे थे तो पहले उन्होने उनके शरीर को बटौरा। जो सर्टिफिकेट बांटते फिरते हैं वे भाजपा की कुत्सित राजनीति करते हैं। ब्रज भूषण शरण सिंह को गोदी में बैठाकर प्रधानमंत्री महिला शशक्तिकरण की बात करते हैं, यहाँ बेटियों को सड़क पर घसीटा जाता है न प्रधानमंत्री न महिला बाल विकास मंत्री कुछ बोलते हैं। और वो आदमी आज भी सदन में बैठकर हंसी ठिठोली करते हैं।