वंदे भारत ट्रेन के जनक सुधांशु मणि ने कहा- कुछ रूटों पर वंदे भारत को राजनीतिक प्रेशर में शुरू किया गया

इंदौर-भोपाल बस का किराया कम तो फिर वंदे भारत में कौन बैठेगा ?

इंदौर

वंदे भारत ट्रेन के जनक सुधांशु मणि शुक्रवार को इंदौर में थे। सुधांशु ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राजनीतिक प्रेशर की वजह से वंदे भारत ट्रेन को उन रूटों पर भी शुरू किया गया जहां इसकी जरूरत नहीं थी, जिसमें इंदौर- भोपाल रूट भी शामिल है। सुधांशु ने कहा कि इंदौर-भोपाल रूट पर बस सेवा का एक बेहतर विकल्प है, जिसका किराया वंदे भारत से कम है और पहुंचाने का समय भी लगभग समान है। मणि ने बताया कि देश के 35 रूटों पर वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं, जिसमें 20 रूटों पर इसका सफल संचालन किया जा रहा है। केरल में इस ट्रेन को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।

 सुधांशु ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर भव्य बनाने की जरूरुत नहीं है। रेलवे ट्रैक अच्छा होना चाहिए। रेलवे स्टेशन पर प्रवेश और निकास द्वार सुविधायुक्त हो। यात्री को ट्रेन और प्लेटफॉर्म खोजने में समय न लगे, इसे ध्यान रखा जाये, भव्य बनाने से क्या होगा ?

5 साल में 500 वंदे भारत शताब्दी को करेंगी रिप्लेस

सुधांशु ने कहा कि आने वाले 5 सालों में 500 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस को रिप्लेस करेंगी।  

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।