हाईवे पर हो रहीं अवैध शराब दुकानें संचालित, इंदौर उच्च न्यायालय ने शासन से मांगा जवाब

इंदौर, 7  नवंबर 2023

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हाइवे पर संचालित अवैध शराब दुकानों को बंद कराने के संबंध में इंदौर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है। जिस पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के प्रशासनिक न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी की डिवीज़न बेंच ने राज्य शासन व केंद्र शासन को नोटिस जारी करते हुए जवाब माँगा है।

संस्था मातृ फाउंडेशन द्वारा दायर जनहित याचिका में एडवोकेट अमेय बजाज ने बताया है कि, “राज्य सरकार द्वारा 31/03/23 के नोटिफिकेशन, केंद्र सरकार के 2017 के नोटिफिकेशन में स्पष्ट है कि धार्मिक संस्थान, शिक्षण संस्थान, रहवासी क्षेत्रों, नशामुक्ति केंद्रों, स्टेट एवं नेशनल हाईवे पर शराब की दुकान संचालित नहीं हो सकती। इसके बावजूद इंदौर में 173 और पूरे म.प्र. राज्य में 3405 अवैध दुकाने संचालित हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस विषय पर गाइडलाइन एवं कंडाथ डिस्टिलरी, खोदे डिस्टिलरी के मामलों में राज्य शासन को शराब के व्यवसाय में रेस्ट्रिक्टिव पॉलिसी अडॉप्ट करने का निर्णय दिया है। सरकार शराब को पेय पदार्थ के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकती। महिलायें एवं बच्चे शराब दुकानों पर जमी भीड़ के कारण घर से निकल नहीं सकते जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 में सरकार की ड्यूटी है कि वह सभी रहवासियों की हेल्थ और न्यूट्रीशन का ध्यान रखें। इतनी ज़्यादा संख्या में अवैध शराब दुकानों के कारण क्राइम रेट भी बढ़ रहा है। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी शराब बेची जा रही हैं। ज़िला कलेक्टर के पास म.प्र. आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 24 में इस तरह की अवैध शराब दुकानों को बंद करने की पॉवर है। अतः इस याचिका के माध्यम से उक्त दुकानों को देशहित में बंद किया जाये ।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।