इंदौर। कर्मचारी चयन मंडल, भोपाल द्वारा आयोजित स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इंदौर के एमबी खालसा कॉलेज में दूसरे सत्र की ऑनलाइन परीक्षा के दौरान एक मुन्ना भाई पकड़ाया। यह फर्जी परीक्षार्थी पवन रावत के नाम से परीक्षा देने आया था, जो मुरैना जिले के जौरा का निवासी बताया गया।
बायोमेट्रिक मिलान में फेल, फर्जीवाड़े का खुलासा
परीक्षा केंद्र पर बायोमेट्रिक व आयरिस स्कैनिंग के दौरान संदेह उत्पन्न हुआ, क्योंकि परीक्षार्थी की 10 अंगुलियों में से केवल एक अंगूठे का मिलान हुआ, जबकि बाकी 9 का मिलान नहीं हो सका। इसके अलावा, आधार कार्ड और फोटो में भी भिन्नता पाई गई। जिला प्रशासन को संदेह होने पर गहन पूछताछ की गई, लेकिन परीक्षार्थी अपनी सही जानकारी नहीं दे पाया।
फ्लाइंग स्क्वाड की कार्रवाई और पुलिस में मामला दर्ज
कर्मचारी चयन मंडल के भोपाल स्थित कंट्रोल रूम से निर्देश मिलने पर जिला कलेक्टर द्वारा नियुक्त फ्लाइंग स्क्वाड के सदस्य—
- चरणजीत सिंह हुड्ढा (डिप्टी कलेक्टर)
- नागेंद्र त्रिपाठी (नायब तहसीलदार, मल्हारगंज)
- डी एस चौहान (उप संचालक, उद्यानिकी विभाग)
ने एडीएम के निर्देशानुसार परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर पूछताछ की। संदिग्ध उत्तरों के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए छत्रीपुरा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई और आरोपी को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।
फर्जी परीक्षार्थी की पहचान का खुलासा
कड़ी पूछताछ के बाद आरोपी ने कबूल किया कि वह राजस्थान के सीकर का रहने वाला है और उसका असली नाम राहुल है। उसने पवन रावत के नाम से परीक्षा में शामिल होने की बात मानी।
नोडल अधिकारी का बयान
डॉ. मनोहर दास सोमानी, प्राध्यापक एवं नोडल अधिकारी, ने बताया,
“कर्मचारी चयन मंडल, भोपाल के निर्देशानुसार परीक्षार्थी की जानकारी की तहकीकात जिला प्रशासन की टीम द्वारा की गई। जानकारी का मिलान नहीं होने पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए गए।”
प्रारंभिक निष्कर्ष और आगे की जांच
फर्जी परीक्षार्थी की गिरफ्तारी से यह साफ होता है कि भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े के लिए नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन और पुलिस अब इस मामले की तह तक जाकर अन्य संभावित आरोपियों की तलाश में जुटी है।