विपक्ष हमलावर :कांग्रेस ने कथित नीट घोटाले को व्यापमं 2.0 करार दिया

प्रेस वार्ता में मोदी सरकार से पूछे कई सवाल

इंदौर, 14 जून 2024

नीट परीक्षा में धांधली को लेकर जहां स्टूडेंट्स सड़कों पर प्रोटेस्ट कर रहे हैं तो विपक्षी दल भी लगातार मुखर है। कांग्रेस ने आज एक प्रेस वार्ता में नीट यूजी परीक्षा को घोटाला बताते हुए इसे  व्यापमं 2.O का नाम दिया है।  सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्विटर पर एक बयान जारी करते हुए कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार इन आरोपों को मिटाना चाहती है, सरकार कोई जवाबदेही नहीं चाहती है। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान देश के नागरिकों पर आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि छात्रों को विरोध के लिए प्रेरित किया जा रहा है।  यह बयान 24 लाख नीट के अभ्यर्थियों के जख़्म पर नमक छिड़कने जैसा है।

उन्होंने कहा, हम यह मांग करते हैं कि 580 से ज़्यादा अंक पाने वाले छात्रों के परीक्षा केंद्रों के नाम जारी किए जाएं।  12वीं के बोर्ड के मार्क्स का मिलान नीट के टॉपर्स के साथ किया जाए। जिन एग्ज़ाम सेंटर पर औसत से ज्यादा हाई मार्क्स वाले परीक्षार्थी हैं, उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी जारी की जाए। साथ ही उन तमाम बच्चों की सूची जारी की जाए, जिन्होंने एग्ज़ाम सेन्टर बदलने के विंडो का लाभ उठाते हुए अपने सेन्टर्स बदले।

खेड़ा ने सवाल उठाते हुए कहा,  “इस बार परीक्षा में 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिले हैं जबकि पिछले आठ सालों में सिर्फ सात ऐसे छात्र थे जिन्होंने 720 में से 720 अंक मिले हैं।”

बच्चे के कैरियर के साथ खिलवाड़ नहीं होगा – शिक्षा मंत्री

उधर शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ट्वीट पर आश्वासन देते हुए कहा, “NEET परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत परीक्षार्थियों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। मैं परीक्षार्थियों को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि किसी भी बच्चे के कैरियर के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। इस मामले से जुड़े तथ्य माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, सरकार उसे पूरा करेगी। NEET की काउन्सलिंग प्रक्रिया शुरू होने जा रही है और अब इस दिशा में भ्रमित हुए बिना आगे बढ़ने की आवश्यकता है।”

कांग्रेस ने पूछे सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने भी केंद्र सरकार को घेरते हुएसवाल पूछते हुए कहा मोदी सरकार ने शिक्षा मंत्री व NTA के द्वारा NEET घोटाले की लीपापोती चालू कर दी है। अगर NEET में पेपर लीक नहीं हुआ तो —

1. बिहार में 13 आरोपियों को पेपर लीक के चलते गिरफ़्तार क्यों किया गया? क्या रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया व संगठित गिरोह को पेपर के बदले ₹30-₹50 लाख तक के भुगतान का पटना पुलिस की Economic Offences Unit (EOU) ने पर्दाफ़ाश नहीं किया?

2. गुजरात के गोधरा में NEET-UG में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ नहीं हुआ है? जिसमें कोचिंग सेंटर चलाने वाले एक व्यक्ति, एक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति समेत 3 लोग शामिल हैं और गुजरात पुलिस के अनुसार आरोपियों के बीच 12 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन सामने आया है?

अगर मोदी सरकार के मुताबिक़ NEET में कोई पेपर लीक नहीं हुआ तो ये गिरफ़्तारियाँ क्यों हुई? इससे क्या निष्कर्ष निकला? क्या मोदी सरकार देश की जनता की आँखों में पहले धूल झोंक रही थी या अब? मोदी सरकार ने 24 लाख युवाओं के अरमानों का गला घोंटने का काम किया है।

NEET में 24 लाख युवा डॉक्टर बनने के लिए परीक्षा देते हैं, जिसमें वो 1 लाख मेडिकल सीटों के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। इन 1 लाख सीटों में से क़रीब 55,000 सरकारी कॉलेजों की सीट है जहॉं SC, ST, OBC, EWS वर्गों की सीट आरक्षित हैं। इस बार मोदी सरकार ने NTA का दुरुपयोग कर Marks और Ranks की ज़ोरदार धाँधली की है जिससे आरक्षित सीटों का Cut-off भी बढ़ गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि गुणवान के छात्रों को रियायती दरों में सरकारी दाखिले से वंचित करने के लिए Grace Marks, Paper Leaks और धांधली का खेल खेला गया।