मंत्रालय ने कचरे के ट्रांसपोर्ट और और निपटान के लिए 126 करोड़ रुपए का फंड किया है ट्रांसफर

इंदौर, 13 अगस्त 2024

40 वर्ष पहले हुई भोपाल गैस त्रासदी का 350 मीट्रिक टन कचरे का निष्पादन मप्र की उधयोगिक नगरी इंदौर के पीथमपुर में होगा। इसी को लेकर आज भारतीय मानवाधिकार परिषद् एवम् पीथमपुर बचाओ समिति ने विरोध दर्ज कराया। और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन इंदौर संभाग आयुक्त को सौंपा।

स्थानीय रहवासियों का कहना है हानिकारक कचरे के निष्पादन से विषैले तत्व निकलेंगे जो वहाँ का वातावरण को प्रदूषित करेंगे और तरह की बीमारियाँ उत्पन्न करेंगे। अभी भी विभिन्न इंडस्ट्रीज का कचरा वहाँ के पानी को दूषित कर रहा है, जो बीमारियों को जन्म दे रहा है। रहवासियों ने कहा कि इसे कहीं दूर जंगल में निष्पादित किया जाये।

वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कचरे के ट्रांसपोर्ट और और निपटान के लिए 126 करोड़ रुपए का फंड ट्रांसफर किया है। आपको बता दें कार्बाइड कारखाना के गोदाम में रखे जहरीले कचरे के निपटान का ट्रायल करीब 9 साल पहले पीथमपुर स्थित इंसीरेनेटर में हो चुका है। कचरा निपटान की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यूका के जहरीले कचरे के निपटान के निर्देश दिए थे।

ज्ञापन में ये रहे शामिल

ज्ञापन संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सलीम शेख, शहर अध्यक्ष संजय अरोड़ा, सचिव नरेंद्र जोशी ,पीथमपुर अध्यक्ष हाजी मुन्ना भाई वारसी,पीथमपुर बचाओ समिति संयोजक डॉक्टर हेमंत हिरोले ने सम्भाग आयुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री एडवोकेट दिलीप राजपाल , अभिभाषक बार एसोसिएशन अध्यक्ष सुरेंद्र वर्मा, पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ एडवोकेट कमल गुप्ता, समाजसेवी राहुल निहोरे ,संगठन के उपाध्यक्ष राकेश अरोड़ा, तोसिफ शेख, संत सिंह टक्कर, गिरीश सदानी, नवीन गौड़, राघवेंद्र सिंह गुर्जर, शैलेंद्र गर्ग, गुरमेल सिंह,अनिल सेन,महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष निर्मला वाजपई ,उपाध्यक्ष चिंतामणि यादव , एडवोकेट लकीता तिवारी,सुभाष ठाकुर, शिवम कुमार, एवम् पीथमपुर के श्रमिकों ने सहभागिता करी।