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इंदौर

मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस छोड़ विपक्ष विहीन चुनाव करने के मामले में चौतरफा दबाव और आलोचना झेल रही भाजपा और अक्षय बम ने आज जावरा कंपाउंड स्थित पार्टी कार्यालय पर प्रेस वार्ता में अपनी सफाई दी। बम के साथ पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे थे।

बम ने उनके कांग्रेस छोडने का कारण पार्टी, संगठन के लोगों का बराबर सहयोग नहीं मिलना बताया । अक्षय ने कहा कि चुनाव अकेले नहीं लड़ा जाता है। मैं चुनाव के बाद नेतृत्व की वजह से पार्टी छोड़ कर अपने मतदाताओं का दिल दुखाता , इसलिए पहले ही कांग्रेस छोड़ ईमानदारी बरती है। बम ने कहा कि नीति, नेतृत्व और नेता महत्वपूर्ण होता है, अफसोस की कांग्रेस के सिस्टम में सुधार की जरूरत है।  बम ने कांग्रेस पार्टी पर ये भी आरोप लगाए कि उनकी सभाएं निरस्त की जा रही थीं। उनके कार्यक्रमों का कोई शेड्यूल नहीं था। उनके  चुनाव प्रचार की सामाग्री भी नहीं पहुंचाई जा रही थी, ऐसे में चुनाव लड़ना मुश्किल हो रहा था । बम ने कहा पार्टी नेतृत्व को पहले लिख चुका था कि मुझे इंदौर में किन बड़े नेताओं की सभाएं करवानी हैं। इस बीच एक बड़े नेता इंदौर भी आए लेकिन मेरी सभा नहीं करवाई।

 भाजपा में जाने के अचानक हृदय परिवर्तन पर  बम बोले जब मैंने देखा कि मेरा समाज, मेरे लोग मुझे समर्थन दे रहे हैं  और इंदौर लोक सभा के 2600 बूथों पर यदि कांग्रेस की टेबलें ही नहीं लगे, तो मतदाता के साथ धोखा होगा। इसलिए समय रहते मैंने कांग्रेस छोड़ मतदाताओं को विकल्प दे दिया है। 29 अप्रैल को फॉर्म उठाने के पहले मैंने अपने पिता जी से बात की थी और वास्तु स्थिति बताई थी। फिर कैलाश भाई साब को कहा कि मैं फॉर्म उठा रहा हूँ। कैलाश जी मेरे तीन दशक से अधिक पुराने पारिवारिक संबंध हैं।

कांग्रेस को अपने अन्य विकल्प की तैयारी रखनी थी

कांग्रेस को प्रत्याशी विहीन करने के प्रश्न पर बम ने कहा कि मेरे बी फॉर्म में substitute candidate के रूप में मोती सिंह पटेल का नाम था । यानि कांग्रेस को थोड़ी आशंका मेरे लिए रही होगी।  बम ने कहा कांग्रेस मेरे ऊपर आरोप लगाकर नोटा को समर्थन कर रही है। तो मुझे आरोपी न बनाकर कांग्रेस को अपने अन्य विकल्प की  तैयारी पहले से रखनी थी। पटेल का निर्दलीय नामांकन फॉर्म भी भरवाना चाहिए था, लेकिन जब न्यूजओ2 की एडिटर नेहा जैन ने बम से उनके द्वारा किए विश्वासघात का प्रश्न पूछा तो उन्होने जवाब नहीं दिया ।

जब कैलाश विजयवर्गीय से पूछा कि इंदौर रिकार्ड बनाने में अव्वल है, इसलिए इस बार विपक्ष विहीन चुनाव में इंदौर सर्वाधिक मतदान वाले शहर का रिकार्ड बना पाएगा? जिस पर विजयवर्गीय ने जवाब दिया कि हम सब प्रयास कर रहे हैं, इसलिए हर मतदाता को मत डालना जरूरी है लेकिन जब विजयवर्गीय से ये जानना चाहा कि जीते जिताए इंदौर को कितने मतों से विजयी बनाएँगे, जिस पर कोई उत्तर नहीं मिला। यही सवाल जब अक्षय बम से पूछा गया कि आपके आने से कितने मत भाजपा के बढ़ेंगे, जिस पर बम निरुत्तर रहकर बगलें झाँकने लगे।

ताई का कद बड़ा, हैसियत नहीं जवाब देने की

8 बार की लोकसभा सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन ( ताई) के ‘बम कांड’ पर नाराजगी व्यक्ति करने के प्रश्न को कैलाश विजयवर्गीय और अक्षय बम दोनों ही टाल गए । दोनों ने कहा ताई का कद बड़ा है और उनकी हैसियत जवाब देने की नहीं है।  https://newso2.com/response-to-indore-congress-candidate-joining-bjp-controversy-and-sumitra-mahajan-commentary-on-the-issue

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।