इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी को तोड़कर भाजपा में शामिल करने के मामले पर ताई की प्रतिक्रिया
इंदौर में ‘बम’ कांड से सुमित्रा ताई नाराज
“जो किया उसकी आवश्यकता नहीं थी, मैंने शुचिता की राजनीति कर उदाहरण पेश दिया”
पूरे मामले से दूर रहे लालवानी ने कहा ‘पार्टी पहले’
इंदौर
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तीन दशक से अधिक की सबसे सुरक्षित इंदौर लोक सभा सीट पर जिस तरह से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम (Akshay Bam) को तोड़कर एन मौके पर भाजपा में जिस तरह से शामिल कराया गया, उससे इंदौर देश- विदेश की मीडिया की सुर्खी बनने के साथ ही राजनीति की शुचिता और नैतिकता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। यह सियासी घटनाक्रम उस धरा पर हुआ जहां से जनता ने 8 बार श्रीमती सुमित्रा महाजन और उनके सेवानिर्वित्त होने के बाद भाजपा के टिकट पर शंकर लालवानी जिताकर दिल्ली भेजा। यहाँ भाजपा का 3 दशक से एकछत्र राज है। यहाँ तक कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी तक ने पूछा क्या ताई को इस घटनाक्रम के बारे में पता है ?
चूंकि सुमित्रा महाजन जिन्हें प्यार से लोग ताई कहते हैं, अपनी शुचितापूर्ण साफ सुधरी राजनीति के लिए क्या पक्ष, वे विपक्ष में भी लोकप्रिय हैं। उनके गृह क्षेत्र में इस तरह का कांड होना, चौंकाता है। यहाँ तक कि ताई खुद पूछ रही हैं कि सबसे सुरक्षित ( safe seat) सीट पर ऐसा कृत्य करने की क्या जरूरत आन पड़ी ? श्रीमती महाजन ने ‘न्यूजओ2’ के पूछे जाने पर कहा कि इंदौर की सीट जीती जिताई थी और हम बड़े मार्जिन से जीतते। श्रीमती महाजन से जब पूछा गया कि ऐसा क्यों हुआ तो उन्होने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि ताई तो रिटायर्ड हो गई न! राजनीति कैसे करनी है, वो मैंने करके दिखा दिया। उसमें मुझे कभी अपयश नहीं मिला, ये बात सही है। पूर्व लोक सभा स्पीकर श्रीमती महाजन ने कहा कि ये जो घटनाक्रम हुआ, वह राजनीति में चलता रहता है। जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया, उनसे सवाल कीजिये। हाँ, ये बात सही है कि इसकी आवश्यकता नहीं थी। हम आराम से लड़ कर जीत रहे थे।https://newso2.com/political-chaos-indore-bjp-power-arrogance-congress-struggle
सियासी गलियारों में चर्चा कि कैलाश विजयवर्गीय गुट द्वारा शंकर लालवानी को डैमेज करने के उद्देश्य से की गई कवायद, के प्रश्न पर श्रीमती महाजन ने कहा कि अपने लोग अपनी पार्टी को डैमेज नहीं करते। मुझे पता नहीं, जब कार्यालय जाऊँगी तब खुला पूछूंगी कि ऐसा क्यों करा ? उनके भी मत अलग हो सकते हैं, वो हमारे महामंत्री हैं, साधारण व्यक्ति तो हैं नहीं, कुछ सोच कर ही किया होगा। जो हो गया उसका अब कुछ नहीं कर सकते। उन्होने कहा कि हम अब भी चुनाव मैदान में डटे हैं और भाजपा को जिताएंगे ।https://newso2.com/akshay-bam-lost-the-opportunity-to-garner-public-support
पार्टी पहले है- लालवानी
भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी के प्रतिद्वंदी रहे कांग्रेस के अक्षय बम को भाजपा में शामिल कराने के पूरे घटनाक्रम में लालवानी दूर ही रहे। इस प्रश्न के उत्तर में लालवानी ने कहा वे पार्टी की दी हुई ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं। उनके चुनाव प्रचार के कार्यक्रम पूर्व निर्धारित हैं। वे अपने चुनाव प्रचार में जुटे हैं। पिछले लोक सभा चुनाव में रिकार्ड पाँच लाख से अधिक मत से जीतने वाले सांसद लालवानी से जब पूछा गया कि कहीं कैलाश विजयवर्गीय गुट द्वारा उनका पिछला रिकार्ड तोड़ने और उन्हें डैमेज करने या उनके नंबर कम करने के लिए तो ये कवायद नहीं की गई, जिस पर लालवानी ने आदर्श वाक्य दोहराते हुए कहा कि पार्टी पहले हैं। उन्होने कहा हम सब लोग पार्टी के लोग हैं,परिवार के रूप में है। परिवार चाहता है कि पार्टी आगे बढ़े। पार्टी को आगे बढ़ाने हम सब मिलकर काम कर रहे हैं।
अपना कद बढ़ाने की कवायद- गौरव चतुर्वेदी
वरिष्ठ पत्रकार गौरव चतुर्वेदी कहते हैं कि भाजपा में राजनीतिक उथल-पुथल होने की जो संभावना नजर आती है, उसमें कैलाश विजयवर्गीय ने अपना कद बढ़ाने की कोशिश की है। मप्र में वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ नरोत्तम मिश्रा हों या वी डी शर्मा, सब अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में विजयवर्गीय द्वारा उठाया गया ये कदम उनके अपने दबदबे को बनाए रखने और छवि चमकाने की कवायद है। चूंकि इंदौर में ताई गुट (सुमित्रा महाजन) अब बचा नहीं है सिर्फ भाई गुट(विजयवर्गीय) ही है, उसी का दबदबा बनाए रखने के प्रयास हैं। इस कृत्य से लालवानी को नुकसान के प्रश्न पर चतुर्वेदी ने कहा कि लालवानी कितने भी मतों से जीतें, खास फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन जो सियासी घटनाक्रम हुआ, उसका प्रभाव मालवा की 9 सीटों पर असर डालेगा। हालांकि भविष्य में इसका कैलाश विजयवर्गीय को कितना लाभ मिलेगा, ये देखना रोचक होगा।