पीएम केयर फंड, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि, आयुष्मान भारत योजना सहित सीएसआर मद से हुआ इलाज

इंदौर, 07 अगस्त 2024


पश्चिम निमाड़ के बडगांव में एक छोटे से हेयर सैलून चलाने वाले बंकिम सेन के परिवार के लिए जीवन में एक नया मोड़ आया। उनके 11 वर्षीय बेटे कौशिक की बिमारी ने परिवार को एक कठिन दौर से गुजरने पर मजबूर कर दिया था। वर्ष 2021 में कौशिक को डेंगू हुआ और उसके बाद लगातार स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती गईं। जब स्थिति बिगड़ी, तो जांच में पता चला कि कौशिक को ल्युकेमिया नामक कैंसर है।

चिकित्सकों ने बताया कि इलाज के लिए करीब 30 से 35 लाख रुपये का खर्च आ सकता है। गरीब परिस्थिति के बावजूद, परिवार ने हिम्मत नहीं हारी और इलाज के लिए प्रयास जारी रखा। एमवाय हॉस्पिटल इंदौर में किमोथैरेपी की गई लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद, कौशिक को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इंदौर में भेजा गया, जहां बोन मैरो ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया गया।

कौशिक के 13 वर्षीय बड़े भाई कृष्णकांत ने बोन मैरो दान किया। इलाज के खर्च की व्यवस्था पीएम केयर, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि, आयुष्मान भारत योजना और सीएसआर मद से की गई। सभी ने मुक्त हस्त से आर्थिक सहयोग दिया, जिससे कौशिक की जान बच गई। आज कौशिक पूरी तरह स्वस्थ है और स्कूल जा रहा है। बंकिम सेन ने कहा, “डॉक्टरों ने हमारे बेटे को नया जीवन दिया। हमारे परिवार में खुशियां लौट आई हैं।”

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की चिकित्सक डॉ. प्राची चौधरी ने कहा, “बोन मैरो ट्रांसप्लांट से कैंसर और रक्त जनित बीमारियों का सफल इलाज संभव है। इंदौर स्थित हमारे हॉस्पिटल में कई बच्चों का सफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया है।”