न्यूजओ2 की खबर का असर

कोचिंग संस्थानों के रेगुलेशन की ओर केंद्र सरकार ने बढ़ाया पहला कदम

पंजीयन , फीस और मनमानी पर नकेल कसने का प्रयास, जारी की गाइडलाइन   

11 पृष्ठों की गाइडलाइन में 19 बिन्दु

कोचिंग संस्थानों का पंजीयन अनिवार्य, छात्र यदि बीच में कोर्स छोडता है तो लौटानी होगी शेष फीस

16 साल से कम उम्र के छात्रों को कोचिंग में प्रवेश नहीं, स्कूल के टाइम नहीं लगेगी कोचिंग

नई दिल्ली/ इंदौर

देश भर में संचालित कोचिंग संस्थानों की ओर भारत सरकार ने ध्यान दिया है। भारतीय शैक्षिनिक संस्थानों के भीतर बगैर नियम/कानून के वर्षों से मनमानी कर रही इन कोचिंग संस्थानों के विनियमन के लिए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी की है।आपको बता दें कि लंबे समय से न्यायालय सहित अन्य मंचों पर बेलगाम कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने की मांग उठती रही है। इसके साथ ही बीती 5 नवंबर को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के इंदौर प्रवास के दौरान न्यूजओ की पोलिटिकल एडिटर नेहा जैन ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद भारत सरकार ने पहला कदम उठा लिया है।

https://newso2.com/consumer-rights-coaching-institutes-regulation-minister-piyush-goyal-response

भारत सरकार ने गाइडलाइन में कहा है कि किसी निर्धारित नीति या विनियमन के अभाव में देश में अनियमित निजी कोचिंग सेंटरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे केंद्रों द्वारा छात्रों से अत्यधिक फीस वसूलने, छात्रों पर अनुचित तनाव के परिणामस्वरूप छात्रों द्वारा आत्महत्या करने, आग और अन्य दुर्घटनाओं के कारण बहुमूल्य जीवन की हानि और इन केंद्रों द्वारा अपनाई जा रही कई अन्य कदाचार की घटनाएं मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई हैं। 11 पृष्ठों की गाइड लाइन में 19 बिन्दु शामिल हैं। जिसमें कोचिंग सेंटरों के रजिस्ट्रेशन के लिए आवाश्यक शर्तें, रजिस्ट्रेशन के आवेदन के लिए आवाश्यक दस्तावेज़, फीस, इन्फ्रास्ट्रक्चर, करिकुलम, क्लासेज, कोचिंग सेंटरों के लिए कोड ऑफ कंडक्ट, छात्रों की मेंटल हेल्थ के लिए काउन्सलर, साइकोलोजिस्ट सपोर्ट की जरूरत को बताया है।  

कोचिंग संस्थानों को मिले दिशा- निर्देश

-कोचिंग संस्थानों को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। कोचिंग सेंटर की यदि कई ब्रांच हैं तो सबका अलग अलग पंजीयन होगा।

-फीस उचित और न्यायोचित लेनी होगी और रसीद भी देनी होगी। यदि छात्र एक मुश्त फीस देता है और बीच में कोर्स छोडता है तो शेष अवधि की फीस 10 दिन के भीतर वापस करनी होगी, यह शर्त कोचिंग सेंटर के हॉस्टल और मैस में भी लागू होगी।

-कोचिंग सेंटर स्कूल/कॉलेज टाइम में संचालित नहीं होंगे ताकि छात्रों को कोचिंग अटेण्ड करने का अनावश्यक दबाव न पड़े न ही डमी स्कूल की जरूरत पड़े।

-कोई भी कोचिंग सेंटर ग्रेजुएशन से कम योग्यता वाले ट्यूटर्स को नियुक्त नहीं करेगा।

-कोचिंग सेंटर, छात्रों के नामांकन के लिए माता-पिता को भ्रामक वादे या रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकते।

-16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों का नामांकन नहीं कर सकते।

-कोचिंग संस्थान कोचिंग की गुणवत्ता या उसमें दी जाने वाली सुविधाओं का भ्रामक विज्ञापन नहीं कर सकते। अगर कोई स्टूडेंट भी किसी कोचिंग सेंटर से पढ़ा है वह भी इन कोचिंग सेंटर के किसी भी दावे का विज्ञापन या प्रचार नहीं करेगा।

-कोचिंग सेंटर किसी भी ट्यूटर या ऐसे व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जो किसी गलत काम से जुड़े या किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो।

-कोचिंग सेंटरों को एक वेबसाइट बनानी होगी, जिसमें ट्यूटर्स की योग्यता, पाठ्यक्रम, कक्षाओं की संख्या, कोर्स पूरा होने की अवधि, हॉस्टल सुविधाओं और ली जाने वाली फीस का विवरण, प्रोसेपेक्टस और अन्य जानकारी होगी। कोचिंग सेंटर में भी प्रोस्पेक्ट्स और उपरोक्त जानकारी चस्पा करनी होगी।

-छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कोचिंग सेंटरों को काउन्सलर और मनोवैज्ञानिक नियुक्त करना होगा।

-रजिस्ट्रेशन समाप्त होने के दो महीने पहले रिन्यू के लिए आवेदन देना होगा। इसमें छात्रों के मेंटल हेल्थ को भी ध्यान में रखा गया है। कोचिंग सेंटरों को छात्रों की मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना है और उन पर अनावश्यक दबाव नहीं डालना है।

-गाइडलाइन के उल्लंघन पर पहली बार 25 हजार का फाइन और दूसरी गलती पर एक लाख का जुर्माना होगा।गाइडलाइन के उल्लंघन पर पहली बार 25 हजार का फाइन और दूसरी गलती पर एक लाख का जुर्माना होगा।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।