इंदौर क्राइम ब्रांच ने ऑनलाइन ठगी में लिप्त बाप-बेटे को गिरफ्तार किया, 46 लाख की ठगी का मामला उजागर
इंदौर, 08 दिसंबर 2024,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने डिजिटल ठगी केएक मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के सितौरा ग्राम के निवासी हैं और ठगी के लिए “फलाह दारेन मदरसा समिति” के नाम से फर्जी बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे थे। आरोपियों ने पीड़ितों से ठगे गए पैसों का 50% कमीशन पर अन्य गैंग मेंबर्स को बैंक खाता उपलब्ध कराया था। यह अकाउंट उन्होने वारदात के कुछ दिन पहले ही खुलवाया था।
ठगी का खुलासा और आरोपी की पहचान
डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश कुमार त्रिपाठी और एडीएसपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में 69 वर्षीय अली अहमद खान और 36 वर्षीय असद अहमद खान शामिल हैं। दोनों बाप-बेटे हैं और उत्तर प्रदेश के सतौरा गांव के निवासी हैं। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि वे अपने मदरसा समिति के नाम पर बैंक खाते खोलकर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह को उपलब्ध कराते थे।
क्राइम ब्रांच ने जांच के दौरान पाया कि आरोपी ठगी के लिए “Sender” नामक ऐप और चीन के VPN का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने इनके गिरोह से जुड़े 42 बैंक खातों को फ्रीज किया है, जिनमें करोड़ों रुपये के ट्रांजैक्शन मिले हैं। और उपरोक्त मदरसा समिति के 9 बैंक खाते मिले हैं, जिनमें डेढ़ करोड़ का लेन-देन पाया गया है। इन्हें भी सीज कराया जा रहा है।
ठगी का शिकार बनी इंदौर की महिला
11 सितंबर 2024 को इंदौर की 65 वर्षीय महिला ऑनलाइन ठगी का शिकार बनीं। महिला ने पुलिस को बताया कि एक व्हाट्सऐप कॉल में खुद को टेलीकॉम रेगुलेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया का अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने उन्हें धमकाया कि उनके नाम पर अवैध सिम कार्ड का उपयोग हो रहा है। इसके बाद, दूसरे कॉल पर एक व्यक्ति ने सीबीआई अधिकारी बनकर उन्हें ड्रग्स, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी।
आरोपियों ने महिला को मानसिक रूप से परेशान कर उनके 46 लाख रुपये दो अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद पीड़िता ने क्राइम ब्रांच और एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस की कार्रवाई
फरियादी की शिकायत पर पुलिस ने अपराध धारा 318(4), 308(2), 319(2), 336(3), 338, 340(2), 238, 3(5), 61(2) BNS के तहत केस दर्ज किया। तकनीकी जांच के बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंची, लेकिन अब तक मास्टरमाइंड का पता नहीं चल पाया है। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि रिमांड के दौरान आरोपियों से पूछताछ जारी है, ताकि अन्य गैंग मेंबर्स और ठगी के मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सके।
सावधानी बरतने की अपील
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अज्ञात कॉल्स और फर्जी अधिकारियों के बहकावे में न आएं। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना दें।