इंदौर, 29 जुलाई 2024:
मध्य प्रदेश के इंटर्न डॉक्टर्स ने अपने स्टायपेंड को बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। आज शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविध्यालय (MGM) मेडिकल कॉलेज में इंटर्न डॉक्टर्स ने शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में इंदौर से लगभग 250 से अधिक इंटर्न शामिल हुए, जो एमजीएम के एमबीबीएस पाठ्यक्रम और शासकीय डेंटल कॉलेज के बीडीएस पाठ्यक्रम के इंटर्न हैं।
जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA) ने भी इस हड़ताल का समर्थन देने का आश्वासन दिया है। अगर JDA भी शामिल होता है और काम बंद करता है, तो सूबे के सबसे बड़े शासकीय महाराजा यशवंत राव अस्पताल (MYH) और एमजीएम से संबद्ध अन्य चार अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकती है।
हड़ताल का नेतृत्व कर रहे इंटर्न डॉ. पराग गोयल ने बताया कि मंगलवार को बाइक रैली निकालेंगे और शाम को कैंडल लाइट प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि बीती 6 जुलाई को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। डॉ. गोयल ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार इंटर्नशिप के लिए केवल 13,408 रुपये प्रति माह ही देती है, जबकि इंटर्न से 10 से 12 घंटे काम लिया जाता है। अन्य राज्यों में स्टायपेंड काफी बेहतर है।
डॉ पराग गोयल ने बताया मध्य प्रदेश के शासकीय कॉलेज में एमबीबीएस की ट्यूशन फीस 4.5 लाख रुपये है, जिसमें साढ़े चार साल की पढ़ाई और एक साल की इंटर्नशिप ट्रेनिंग शामिल है। इस एक साल की अवधि में इंटर्न डॉक्टर्स को 1,60,800 रुपये बतौर वजीफा मिलता है, यानी 440 रुपये प्रतिदिन। वे इस राशि को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
देश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सबसे अधिक फीस उत्तराखंड और गोवा के बाद मध्य प्रदेश सरकार लेती है और स्टाइपेंड भी कम देती है
पश्चिम बंगाल में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की ट्यूशन फीस महज 40500 रु है जबकि स्टायपेंड 945 गुणा होकर 3,83,724 रु है। वहीं असम दूसरे नंबर पर होकर यहाँ ट्यूशन फीस महज 54000 रु है और स्टायपेंड 800 गुणा होकर ,34,700 है। देश के शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस सबसे अधिक उत्तराखंड सरकार 652500 रु लेती है और 204000 रु स्टायपेंड देती है। इसके बाद गोवा सरकार 5,67500 ट्यूशन फीस लेकर 360,000 स्टायपेंड देती है। फिर मप्र सरकार 4,50,000 रु ट्यूशन फीस लेकर महज 35.7 प्रतिशत यानि 160800 रु का स्टायपेंड देती है। स्टायपेंड रैकिंग में मध्य प्रदेश 22 वें और उत्तराखंड 23वें पायदान पर है।
सोर्स: उपरोक्त आंकड़े विरोध प्रदर्शन कर रहे इंटर्न डॉक्टर्स द्वारा प्रदत्त