भोपाल/इंदौर, 25 फरवरी 2025।
मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य संस्थानों को निजीकरण और जन-भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत संचालित करने की मंशा का विरोध शुरू हो गया है। बताया गया है ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव ने 3 मेडिकल कॉलेज को निजी हितधारकों को सौंपने की बात कही, लेकिन कॉलेजों के नाम स्पष्ट नहीं किए।
जन स्वास्थ्य अभियान के कार्यकर्ताओं ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को कमजोर करेगा और आम जनता की चिकित्सा सुविधाओं को महंगा बना देगा। कुछ माह पूर्व सरकार ने 12 जिलों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला लिया था, लेकिन जनता के विरोध के बाद जिला अस्पतालों के निजीकरण का निर्णय बदला गया था।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के एस आर आजाद, राजकुमार सिन्हा, धीरेंद्र आर्य और अमूल्य निधि ने सरकार से मांग की है कि चिकित्सा संस्थानों का निजीकरण रोका जाए और सार्वजनिक स्वास्थ्य बजट बढ़ाकर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जाए।