चुनाव परिणामों से पहले रुझानों से भारतीय बाजार हलाकान

निवेशकों को हुआ 38 लाख करोड़ रु का नुकसान

समझें सत्ता और कारोबार के बीच का गणित

औंधे मुंहे गिरा बाजार

बैंक, तेल कंपनियों रिलायन्स, अडानी के शेयरों में भारी गिरावट

इंदौर

भारतीय बाजार और राजनीति एक दूसरे के संपूरक होकर एक दूसरे को खासा प्रभावित करते हैं । आज 4 जून को जब ईवीएम में दर्ज मतों की गणना शुरू हुई तो जैसे जैसे एनडीए गठबंधन के दावों के अनुरूप परिणाम नहीं आते दिखाई दिये तो शेयर मार्केट 7 प्रतिशत टूटकर औंधे मुंह गिर गया । सेंसेक्स जहां 5500 अंक गिरा वहीं निफ्टी भी 1900 अंक टूटा है । जानकारों की मानें तो मार्च 2020 के बाद यह बाजार की सबसे बड़ी गिरावट है । उस समय महामारी कोरोना के कारण बाजार 13 प्रतिशत से ज्यादा टूटा था ।

भारतीय शेयर बाजार ने आज मतों की गिनती के साथ शेयरों में तेज बिकवाली का दौर रहा , यही कारण है कि निवेशकों को 38 लाख करोड़ का भारी नुकसान हुआ है ।

मंगलवार दोपहर 12: 15 बजे के आस पास  बीएसई लिसटेड कंपनियों का मार्केट गेप 426 लाख करोड़ रु से घटकर 388 लाख करोड़ रु रह गया है ।

बाजार का गिरना कोई नई बात नहीं ….!

भारतीय बाजार और चुनाव परिणाम की ओर बढ़ते रुझान का अध्ययन करें तो स्पष्ट है कि आशा अनुरूप सत्तासीन दलों को जनमत नहीं मिलने से बजार में भारी उथल पुथल होती है। इससे पहले अक्टूबर 1999 में भी 13 प्रतिशत के आस पास बाजार टूटा था। उल्लेखनीय है कि उस वक्त कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए अटल बिहारी बाजपेयी की बतौर प्रधानमंत्री ताजपोशी हुई थी । इसके बाद जब 2004 में अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को सोनिया गांधी के के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन ने उठाकर पटका था, तब बाजार 23 प्रतिशत के लगभग ऊंचा उठा था । उल्लेखनीय है 2004 में मनमोहन सिंह  प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुए थे । इसी तरह जब मई 2014 में नरेंद्र मोदी ने यूपीए के एक दशक पुराने कार्यकाल पर ब्रेक लगाया था, तब भी आशा अनुरूप परिणाम के मद्देनजर बाजार 20 प्रतिशत के आस पास मजबूत हुआ था। 2019 में जरूर एनडीए भारी सत्ता विरोधी लहर के बावजूद पूर्ण बहुमत हासिल करने में सफल रही थी ।  उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं आने पर बाजार 2 फीसदी से अधिक टूट गया था।

कहाँ कहाँ हुई भारी गिरावट ?

अडानी इंटरप्राइसेज का शेयर 9.66 प्रतिशत टूटा

एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, रिलायंस कमजोर हुआ ।

पीएसयू बैंक इंडेक्स 13 प्रतिशत तो ओआईएल एंड गैस 10 प्रतिशत टूटा ।

एसबीआई, एनटीपीसी पावर ग्रिड के शेयर पर 12 प्रतिशत नीचे आए ।

समझें, आखिर क्यों टूटा बाजार ?

दरअसल आज सुबह जैसे ही 542 सीटों पर मतों की गिनती शुरू हुई और चुनाव आयोग ने प्रारम्भिक रुझान जारी किए जिसमें एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर को देखते हुए बाजार हलाकान हुआ । जानकारों की मानें तो चुनावी परिणामों में अस्थिरता तथा सत्तासीन दल की उम्मीदों पर जनादेश के खरा न उतरने पर बाजार में बिकवाली का दौर गति पकड़ लेता है । इसी के चलते आज निवेशकों को 38 लाख करोड़ रु का उठाना पड़ा है । अडानी इंटरप्राइसेज सहित अन्य कारोबारों के शेयरों में आई गिरावट साफ तौर पर इन इकाइयों से निवेशकों का भरोसा फिलहाल डगमगाता दिखाई दे रहा है ।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।