इंदौर, 09 जनवरी 2025,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: वार्ड क्रमांक 24 के पार्षद और महापौर परिषद (MIC) सदस्य जीतू जाटव द्वारा ‘यादव’ सरनेम के उपयोग को लेकर समग्र यादव समाज ने कड़ा विरोध जताया है। यादव समाज ने इस संबंध में एक प्रेस नोट जारी करते हुए इसे अनैतिक और अनुचित बताया है।
यादव समाज का दावा:
यादव समाज ने दावा किया कि जीतू जाटव अनुसूचित जाति चर्मकार समाज से हैं और उनके जाति प्रमाण पत्र के अनुसार उनका सरनेम ‘जाटव’ है। उन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड से चुनाव जीतकर पार्षद का पद हासिल किया है। बावजूद इसके, वह ‘जाटव’ की जगह ‘यादव’ सरनेम का उपयोग कर रहे हैं, जो समाज के गौरवशाली नाम का दुरुपयोग है।
यादव समाज का गौरवशाली इतिहास:
समाज ने अपने बयान में कहा कि यादव समाज भगवान श्रीकृष्ण के वंशज होने पर गर्व करता है। यह समाज हमेशा से धर्म, वीरता और न्याय के प्रतीक के रूप में जाना गया है। महाभारत युद्ध से लेकर स्वतंत्रता संग्राम तक यादव समाज ने अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान में भी समाज ने राजनीति, खेल, प्रशासन, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में अपनी साख बनाई है।
“नकली यादवों” पर कड़ी आपत्ति:
समाज ने कहा कि कुछ लोग यादव समाज के सरनेम का अनाधिकृत रूप से उपयोग कर इसकी गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। बयान में पार्षद जीतू जाटव का उल्लेख करते हुए कहा गया कि उनके जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति को अपने मूल सरनेम ‘जाटव’ का उपयोग करना चाहिए और अपने समाज को गौरवान्वित करना चाहिए।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी:
यादव समाज ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में किसी ने ‘यादव’ सरनेम का अनधिकृत उपयोग किया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।