इंदौर, 11 जनवरी 2025,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: मध्यप्रदेश में यादव समाज और मुख्यमंत्री मोहन यादव को बदनाम करने के लिए सुनियोजित षड्यंत्र के तहत यादव उपनाम का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इसे लेकर म.प्र. कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव और यादव अहिर सेना प्रमुख राकेश सिंह यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में जांच की मांग की है।
राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री के यादव समाज से आने के बाद कुछ लोगों द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर यादव उपनाम का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने पत्र में इंदौर सहित अन्य जिलों से जुड़े 170 से अधिक लोगों और 5 सामाजिक संस्थाओं की सूची साक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री को सौंपी है।
फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाने का बड़ा खेल
पत्र के अनुसार, इंदौर की 5 सामाजिक संस्थाओं ने आर्थिक लाभ के लिए गैर-यादव व्यक्तियों को यादव जाति प्रमाण पत्र जारी किया है। इसके जरिए पिछड़े वर्ग की सुविधाओं और आरक्षण का अनुचित लाभ उठाया जा रहा है। इसी प्रकार, भोपाल, सागर, जबलपुर, दमोह, ग्वालियर, गुना, उज्जैन और सतना में भी सामाजिक संस्थाओं द्वारा पैसा लेकर फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाने के मामले सामने आए हैं। यह प्रमाण पत्र मध्यप्रदेश जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की अधिसूचना (दिनांक 26 दिसंबर 1984) और भारत सरकार के नियमों का उल्लंघन करते हुए जारी किए गए हैं।
जांच और कार्रवाई की मांग
राकेश सिंह यादव ने मुख्यमंत्री से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले संस्थानों के अध्यक्ष और सचिव समेत लाभार्थियों के खिलाफ FIR दर्ज करने और सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इन सभी पर धारा 420, 467, 468 और 120B के तहत कार्रवाई की मांग की है।
सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि कई गैर-यादव व्यक्ति यादव उपनाम का इस्तेमाल कर सरकारी नौकरियों और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। इसके जरिए पिछड़े वर्ग को मिलने वाले लाभ को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री को बदनाम करने की साजिश
राकेश सिंह यादव ने इसे मुख्यमंत्री मोहन यादव को बदनाम करने की साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यादव समाज का नाम खराब कर आर्थिक लाभ और ब्लैकमेलिंग के लिए यादव उपनाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है।