आचार्य विहर्ष सागर महाराजआचार्य विहर्ष सागर महाराज

गुरुओं की निंदा कभी मत करना, निंदा करने वाला कभी भगवान नहीं बना- आचार्य विहर्ष सागर महाराज

 इंदौर

7 अक्टूबर 2023

मप्र के इंदौर के बड़ा गणपति स्थित मोदी जी की नसिया में आचार्य विहर्ष सागर महाराज ने अपने प्रवचन में कहा आजकल के रईसों की संपदा चक्रवर्ती की संपदा की सुई की नोक के बराबर भी नहीं है। चक्रवर्ती सबसे पहले साधुओं को आहार कराते थे, फिर स्वयं भोजन करते थे, उनके पुण्य का यही सबसे बड़ा स्रोत था। सबसे ज्यादा पुण्य उपवास करने से बढ़ता है। फिर अलग-अलग दिन 8 रसों में से एक-एक रस का त्याग करके एकासना करने से भी पुण्य बढ़ता है। उन्होने कहा कि आज घर के सभी सदस्य कमा रहे हैं फिर भी पैसे की पूर्ति नहीं हो पा रही है। पैसा चाहिए तो पैसे के पीछे भागो मत। पुण्य करो, फिर पैसा तुम्हें ढूंढता हुआ आएगा। क्यों पैसे के पीछे पागल हो रहे हो। आचार्य श्री ने कहा कि पैसा मेहनत से आता तो हर मजदूर करोड़पति होता, पैसा ज्ञान से आता तो हर पंडित करोड़पति होता। पैसा पुण्य से मिलता है। पुण्य चुंबक है,पुण्यशाली व्यक्ति को कहीं भागना नहीं पड़ता, किसी भी बहाने से पैसा आ जाता है। आपका हर कार्य बड़ों की तरह होना चाहिए। राजा बनो, प्रजा नहीं। दुनिया में सब चीज बाजार में मिल जाएगी, लेकिन पुण्य कहीं नहीं मिलता। पुण्य मिलता है देव, शास्त्र, गुरुओं के पास बैठने से। इसलिए गुरुओं के चरण पकड़ कर बैठ जाना। कभी गुरुओं की निंदा मत करना, निंदा – आलोचना करने वाला कभी भगवान नहीं बना।

भरत चक्रवर्ती के नाम से देश का नाम भारत पड़ा

आचार्य विहर्ष सागर महाराज ने कहा कि 12 चक्रवर्ती होते हैं। 63 शलाका पुरुषों में एक चक्रवर्ती का पद भी होता है । 12 चक्रवर्तियों में पहले चक्रवर्ती बनने का सौभाग्य भरत चक्रवर्ती को मिला। भरत चक्रवर्ती जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र थे। उन्हीं के नाम से इस देश का नाम भारत पड़ा। हाल ही में देश के प्रधानमंत्री ने इंडिया की जगह इस देश का नाम भारत कर दिया है। यह हम सभी के लिए गौरव की बात है। मनुष्यों का राजा चक्रवर्ती (नरपति भी कहते हैं) होता है और पशुओं का राजा शेर कहा होता है।

समाज के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि प्रारंभ में मंगलाचरण  णमोकार तीर्थ, नासिक से पधारे ब्रह्मचारी अक्षय भैया ने किया। आचार्य विराग सागर महाराज के चित्र का अनावरण चातुर्मास कमेटी के द्वारा किया गया एवं  दीप प्रज्जवलन महिला मंडल ने किया ।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।