सर्वोच्च न्यायलय ने इंदौर में ईसाई धर्म सभा आयोजित करने की दी अनुमति

इंदौर/ नई दिल्ली

देश के सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक याचिका की सुनवाई करते हुए इंदौर में ईसाई समुदाय की होने वाली धर्म सभा को आयोजित करने की अनुमति दे दी है। न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने इस संबंध में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय और जिला प्रशासन के आदेशों को रद्द कर दिया। दरअसल इंदौर में ईसाई धर्म सभा के आयोजक सुरेश कार्लटन इंदौर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

दरअसल 10 अप्रैल को इंदौर में ईसाई समुदाय की एक प्रार्थना सभा आयोजित होना थी, लेकिन सभा के ठीक पहले 7 अप्रैल को जिला प्रशासन ने कुछ हिन्दू संगठनों के विरोध के बाद आयोजन की अनुमति निरस्त कर दी। जिसके बाद आयोजक ने इंदौर हाई कोर्ट का दरबाजा खटखटाया। यहाँ से भी राहत नहीं मिलने के बाद आयोजकों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। 10 अप्रैल को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आयोजन की अनुमति दि है।

दरअसल जिला प्रशासन का कहना है कि उन्होने कानून और शांति व्यवस्था बिगड़ने के डर से अनुमति निरस्त की है। इस मामले में कुछ हिन्दू संगठनों में तुकोगंज थाने में शिकायत की है। हिन्दू संगठनों ने इस आयोजन में बड़ी संख्या में धर्मांतरण होने की आशंका व्यक्त की है। जिला प्रशासन ने शांति और कानून व्यवस्था को देखते हुए 5 अप्रैल को दी गई अनुमति 7  अप्रैल को निरस्त कर दी है।

कार्यक्रम में चेन्नई के ईसाई धर्म प्रचारक पाल दिनाकरण मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत कर रहे थे । सभा में मप्र के 8000 ईसाई समुदाय के लोग शामिल हो रहे थे। आयोजक सुरेश कार्लटन ने हिन्दू संगठनों के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि यह धर्म सभा देश में सुख, शांति, खुशहाली के लिए आयोजित की जा रही थी। फिलवक्त 10 अप्रैल को होने वाला कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। नई तिथि जल्दी घोषित की जाएगी।