प्रशासन का दावा- अब तक 1.72 लाख श्वानों की नसबंदी हो चुकी लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर 8 वर्ष में डॉग बाइट के मामले 3 गुना बढ़े
इंदौर
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‘आवारा कुत्तों से परेशान जनता और मजबूर प्रशासन’ विषय पर स्टेट प्रेस क्लब ने शुक्रवार को परिचर्चा आयोजित की जिसमें प्रशासन, राजनीतिक दल और सामाजिक संगठनों ने भाग लिया। परिचर्चा की शुरुआत में शासकीय हुकुमचंद पोलिक्लीनिक (लाल अस्पताल) के अधीक्षक डॉ आशुतोष शर्मा ने बताया कि बीते 8 सालों में डॉग बाइट के मामलों में 3 गुना वृद्धि हुई है। इनमें 70 फीसदी मामले ग्रेड 2-3 श्रेणी यानि गंभीर घाव होते हैं। डॉ शर्मा ने ये भी बताया कि इसके अतिरिक्त हर महीने 20 से 30 रैट बाइट (चूहों के काटने) और 4-5 बैट बाइट (चमगादड़ के काटने) के भी केस सामने आ रहे हैं। यहाँ तक कि एमवाय में हर महीने 1-2 मौतें रेबीज होने के चलते हो रही हैं। डॉ शर्मा ने कहा कि ये आंकड़े सिर्फ एक सरकारी अस्पताल के हैं। शहर में 300 से अधिक निजी अस्पताल भी हैं जिनका रिकार्ड नहीं है। डॉ शर्मा ने बताया कि इनके प्रमुख कारणों में कुत्तों को भोजन, पानी की अनुपलब्धता होना है। सफाई में अव्वल के चलते शहर से कचरा पेटियाँ उठ गई हैं। कुत्ते भूखे होने से आपा खो देते हैं और मनुष्यों पर लपकते हैं। इसके साथ जंगल कट कर हाई राइज़ इमारतों के बनने से यहाँ बैट बाइट के मामले देखने मिल रहे हैं। डॉ शर्मा ने कहा कि शहर के शासकीय लाल अस्पताल पर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाने का भार है।
शहर की सभी 38 पीएससी- सीएससी पर एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध- सीएमएचओ
उधर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी एस सैत्या ने कहा कि डॉग बाइट के बढ़ते मामलों से मॉर्निंग वाक पर जाने वालों को ज्यादा सचेत होना होता है। डॉग बाइट से ज्यादा लोग डर के चलते एक्सीडेंट का शिकार हो रहे हैं। घर से बाहर छोटे बच्चों को खेलने भेजने में भी पैरेंट्स डरने लगे हैं। सीएमएचओ ने कहा कि शहर की सभी 38 प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध हैं। लोग अपने आस पास के पीएससी और सीएससी पर जाकर उपचार ले सकते हैं।
पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर पटेल ने भी अपने उद्बोधन में बढ़ते डॉग बाइट मामलों में चिंता जाहिर की और मंच संचालक आलोक वाजपेयी से सहमति जताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को पूरे देश भर में आवारा कुत्तों की रोकथाम की मुहिम ठप्प होने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
हर महीने 10-12 लाख की एंटी रेबीज दवाएं बिक रहीं- बाकलीवाल
मप्र दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष व पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने कहा कि आप डॉग बाइट की गंभीरता का इसी से अंदाज लगा सकते हैं कि दवा बाजार से हर महीने 10 से 12 लाख की एंटी रेबीज दवाएं बिकती हैं। बाकलीवाल ने कहा कि जिस तरह से गायों को शहर से बाहर किया है उसी तरह श्वानों को भी बाहर शेल्टर होम्स बना देना चाहिए, जिन्हें कुत्तों की सेवा करना हो, वे इन शेल्टर होम जाकर उन्हें भोजन- पानी दे सकते हैं।
1.72 लाख श्वानों की नसबंदी हो चुकी- डॉ यादव
इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्राहालय प्रभारी और एबीसी कार्यक्रम प्रभारी डॉ उत्तम यादव ने दावा किया कि अब तक 1.72 लाख से अधिक श्वानों की नशबंदी हो चुकी है। एबीसी कार्यक्रम जारी है। पूरी तरह से नशबंदी अभियान को सफल बनाने में थोड़ा और समय लगेगा। डॉ यादव ने भी कुत्तों को भोजन और पानी की अनुपलब्धता होने से उनके आक्रामक होने से सहमति व्यक्त की।
पशु प्रेमियों के ध्यान आकर्षण के बाद जारी किए हेल्प लाइन नंबर
पशु प्रेमियों ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा जनजागरूकता प्रचार- प्रसार नहीं किया जा रहा है, न ही हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए, जिसकी वज़ह से आम जन श्वानों से डील करने के वजाय उन पर आक्रामक हो जाते हैं। पशु प्रेमियों के ध्यान आकर्षण के बाद डॉ उत्तम यादव ने हेल्पलाइन नंबर 8770915741/ 9713697796/ 7974573094 जारी किए और कहा कि कुत्तों की नशबंदी या अन्य समस्याओं के लिए उक्त हेल्प लाइन नंबरों पर फोन कर सकते हैं।
भिड़ गए दर्शक आपस में
परिचर्चा का समय शाम 4:30 बजे रखा गया था, लेकिन कार्यक्रम 5 बजे से शुरू हुआ। मुख्य अतिथि महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने चुनाव कार्यक्रम में व्यस्त होने के चलते नहीं आ सके। कार्यक्रम अपने समापन की ओर जाता उसके पहले रामेश्वर पटेल और विनय बाकलीवाल के उद्बोधन पर पशु प्रेमी आक्रोशित हो गए। पटेल और बाकलीवाल के उद्बोधन को कई बार हस्तक्षेप किया गया। संचालक दर्शकों से यही कहते रहे कि आपके सवाल-जवाब बाद में लिए जाएँगे। विनय बाकलीवाल अपना उद्बोधन देकर अपनी व्यस्तता बताते हुए जल्दी चले गए। कमजोर मंच संचालन के चलते दर्शक आपस में भिड़ लिए। पशु प्रेमी और दूसरा पक्ष आपस में भिड़ गया। अतिथिवक्तागण उन्हें देखते रहे। सवाल-जवाब जिम्मेदारों से पूछने के बजाय दर्शक एक दूसरे के आमने-सामने होते रहे। यहाँ तक कि मामाला बढ़ता देख स्टेट प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल को भी मंच पर आना पड़ा लेकिन बात नहीं बन सकी। पशु प्रेमियों के तर्कों का किसी के पास कोई ठोस काउंटर नहीं था। अंत में कार्यक्रम को स्मृति चिन्ह देकर बीच में समाप्त किया गया।