निवेशकों के हजारों- करोड़ों रु डूबने पर कांग्रेस ने की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग
इंदौर, 6 जून 2024
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राहुल गांधी ने जयराम रमेश और अन्य नेताओं के साथ दिल्ली में प्रेस कोन्फ्रेंस कर मोदी, शाह, सीतारमण पर निवेशकों को टिप देकर उनका हजारों करोड़ों रु का सुनियोजित नुकसान कराये जाने का आरोप लगाया है।
गांधी ने कहा कि चुनाव परिणामों के आने से पहले उक्त तीनों ही नेताओं ने अदानी से जुड़े टीवी चैनलों पर इंटरव्यू देकर स्टॉक मार्केट में उछाल दर्ज किए जाने की टिप दी और ये जानते हुए भी कि तीनों ही नेताओं को परिणामों के आने के पहले से ही पता था कि भाजपा 220 -240 सीटों के बीच रहने वाली है, बावजूद तीनों ही नेताओं ने अपने अपने इंटरव्यू में निवेशकों को कहा कि स्टॉक में निवेश करें। मजबूत सरकार के साथ स्टॉक ऊंचे उठेंगे। नतीजन देश के निवेशकों को 28 हजार करोड़ रु का फटका चुनाव परिणाम के दिन यानि 4 जून को लगा है। गांधी ने पूरे ही मामले में अनैतिक लाभ कमाने और स्टॉक मार्केट घोटाला करने का आरोप लगाया है। उन्होने इस मामले में जेपीसी की मांग की है।
भाजपा ने आरोपों से किया किनारा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राहुल गांधी के आरोपों पर सफाई दी है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने कोई टिप नहीं दी है। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने महज पूछे गए सवालों का जवाब दिया है।
मोदी-शाह ने क्यों निवेशकों को शेयर खरीदने की सलाह दी ?
दरअसल चुनाव के शुरुआती चरणों में वोटिंग प्रतिशत में कमी दर्ज हो रही थी, ऐसे में निवेशकों को चुनाव परिणाम को लेकर चिंता थी। इसलिए मोदी शाह ने भाजपा की जीत का दावा करते हुए कुछ मीडिया चैनलों को कहा था कि 4 जून के पहले शेयर खरीद लें, स्थायी सरकार मिलेगी।
राहुल ने बताई घटना की क्रोनोलॉजी
राहुल गांधी ने दावा किया कि 13 मई को अमित शाह ने कहा था कि चार जून से पहले शेयर खरीद लीजिए ।
फिर 19 मई को पीएम मोदी ने कहा कि स्टॉक मार्केट 4 जून को रिकॉर्ड ब्रेक कर देगा ।
फिर 1 जून को अंतिम चरण की वोटिंग के दिन मीडिया में एगिज्ट पोल जारी होता है।
तीन जून को स्टॉक मार्केट सभी रिकॉर्ड तोड़ देता है और ऑल टाइम हाई पर पहुंच जाता है।
4 जून को स्टॉक मार्केट में सबसे बड़ी गिरावट आती है।
निवेशकर खासकर छोटे निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपये का लॉस होता है।