इंदौर

मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम के भाजपा में शामिल होने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। दोनों प्रमुख राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश में यह पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले भी कुछ मामले सामने आए हैं । न्यूजओ2 ने इन्हीं मुद्दों के परिदृश्य में 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में टिकट घोषित होने के बाद भाजपा में शामिल हुए पूर्व आईएएस और पूर्व सांसद भागीरथ प्रसाद से चर्चा की ।  

वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव में पूर्व आईएएस भागीरथ प्रसाद को कांग्रेस से मप्र के ग्वालियर अंचल की भिंड संसदीय सीट पर लोक सभा प्रत्याशी का टिकट दिया गया था। कहा जाता है कि टिकट मिलने के अगले ही दिन प्रसाद कांग्रेस  छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे और भाजपा की तरफ से भिंड से लड़े और जीत गए। प्रसाद इसके पहले 2009 में कांग्रेस के टिकट पर भिंड से लड़े थे, हार गए थे।

भागीरथ प्रसाद 1977 बैच के एक आईएसएस अधिकारी, इंदौर, जबलपुर कलेक्टर, भोपाल कमिश्नर, प्रिंसिपल सेकेट्री समेत तमाम प्रमुख पदों पर रहे हैं। देवी अहिल्या विश्व विध्यालय के पूर्व कुलपति रहे हैं।

आप कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल क्यों हुए ?

भागीरथ प्रसाद newso2 से पूछे जाने पर बताते हैं कि मैंने कांग्रेस से 2009 का लोक सभा चुनाव भिंड सीट से लड़ा था और कम मार्जिन से हार गया था। मन बहुत द्रवित हुआ क्योंकि मेरी जीत सुनिश्चित थी। बाद में पता चला कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मुझे चुनाव हरवा दिया ।  पार्टी, संगठन का मुझे उतना सपोर्ट नहीं मिला ।  2014 में मैं मोदी जी से मिला था, तब से भाजपा जॉइन करने का मन में चल रहा था। यहाँ कांग्रेस ने मुझे टिकट दे दिया और वहाँ भाजपा ने भी मुझे टिकट दे दिया। कांग्रेस ने जो 2009 में मेरे साथ किया, वह 2014 में भी करने की संभावना बन रही थी, इसलिए मैंने भाजपा से चुनाव लड़ना उचित समझा और जीत गया। मेरे ऊपर कहीं से कोई दबाव नहीं था ।

कुलपति के पद से इस्तीफा देकर शामिल हुआ था कांग्रेस में

मैंने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविध्यालय में कुलपति के पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस जनसेवा के लिए जॉइन की थी लेकिन वहाँ की परिस्थितियों की वजह से मेरा उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा था । भाजपा में शामिल होने के बाद मैंने अपने 5 साल के सांसद काल में अपने पिछड़े क्षेत्र के लिए बहुत विकास कार्य किए हैं।

इंदौर, सूरत में जो हुआ, उसे आप कैसे देखते हैं ?

जो भी हुआ, यदि उसमें शिकायत होती है, तो जांच होना चाहिए। कि किसी की दुर्भावना है, दबाव है या प्रभाव है? लेकिन मुझे लगता है, बीजेपी की हवा है। लोगों को अपना भविष्य भाजपा में दिखता है। कांग्रेस के बड़े बड़े नेता भाजपा में शामिल हुए हैं। वैसे मालवा के लोग बहुत अच्छे हैं। मैंने बहुत काम किया है।

कांग्रेस को किस संजीवनी की जरूरत है ?

कोई भी राजनीतिक दल हो, उसे अपनी परिस्थितियाँ समझना चाहिए। कांग्रेस को आज़ादी की लड़ाई के भरोसे नहीं रहना चाहिए। कांग्रेस में केडर खत्म हो गया है। गुटबंदी हावी है। सेवा का काम छूट गया है। देश को सशक्त लोकतन्त्र के लिए एक अच्छे विपक्ष की जरूरत है।

क्या आप अपने कार्यकाल से संतुष्ट हैं ?

भाजपा के कार्यकाल में मैं संतुष्ट हूँ । फिलवक्त कोई ज़िम्मेदारी मेरे पास नहीं है। मुझे अब अवसर का इंतजार  है। जनसेवा का जज्बा और अनुभव मेरे पास बहुत है। फिर अवसर मिला तो फिर जनता की सेवा करूंगा। मैंने अपने संसदीय क्षेत्र भिंड-चंबल में कई विकास कार्य  किए। ब्रिज बनवाए, नेशनल हाई वे बनवाया। डकेतों के समर्पण के लिए ग्लोबल सेमिनार करवाए। चंबल नदी पर पुल बनवाया । वर्तमान में प्रदेश कार्य समिति का सदस्य हूँ। भाजपा में रहकर जो कार्य किए, उससे संतुष्ट हूँ।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।