2047 तक भारत को विश्वगुरु बनाएगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति: उच्च शिक्षा मंत्री
इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के डिजाइन संस्थान का शुभारंभ शनिवार को उच्च शिक्षा, तकनीकी एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार के हाथों हुआ। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) भारत की भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित है, जो 2047 तक भारत को विश्वगुरु बनाने में सहायक होगी।
कार्यक्रम में परमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति भारत की आत्मा को पुनः स्थापित करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि नालंदा और तक्षशिला जैसी परंपराओं को पुनर्जीवित करना आवश्यक है, और इसके लिए हमें शिक्षा को पूरी तरह भारत केंद्रित बनाना होगा। उन्होंने शिक्षकों को नीति के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण स्तंभ बताया।
उल्लेखनीय है कि इस मौके पर IET एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा तैयार की गई सिविल इंजीनियरिंग अनुसंधान और कंसल्टेंसी प्रयोगशाला का लोकार्पण भी किया गया। मंत्री ने इस पहल को आदर्श और अनुकरणीय बताया।
विशिष्ट अतिथि विधायक मधु वर्मा ने विश्वविद्यालय के विकास हेतु मास्टर प्लान तैयार करने की आवश्यकता जताई। वहीं कुलपति डॉ. राकेश सिंघई ने कहा कि आने वाले समय में डिजाइनिंग, फैशन टेक्नोलॉजी, डेयरी टेक्नोलॉजी और आर्किटेक्चर जैसे कोर्स शुरू किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय को शोध के लिए शीघ्र ही ₹23 करोड़ की राशि मिलने वाली है।
कार्यपरिषद सदस्य ए.के. द्विवेदी ने शोध और प्लेसमेंट पर जोर देने की बात कही। वहीं आयुष मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय में शोध केंद्र की स्थापना की जा रही है।
समारोह की शुरुआत माँ अहिल्या बाई के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। पौधरोपण कर पर्यावरण सन्देश भी दिया गया। इस अवसर पर शिक्षाविद्, विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. रक्षा उपाध्याय ने किया एवं आभार प्रदर्शन रजिस्ट्रार प्रज्वल खरे द्वारा किया गया।