साइप्रस, कनाडा और एक तीसरे देश की पांच दिवसीय यात्रा प्रस्तावित
नई दिल्ली, 14 जून 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी पांच दिवसीय विदेश यात्रा को लेकर राजनीतिक गलियारों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हलचल तेज हो गई है। प्रस्तावित यात्रा में वे साइप्रस, कनाडा, और एक अन्य राष्ट्र का दौरा करेंगे। यात्रा की शुरुआत 15 जून से साइप्रस में होगी, जहां वे दो दिनों तक विभिन्न आधिकारिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
इसके बाद वे कनाडा पहुंचेंगे, जहां द्विपक्षीय मुद्दों, विशेषकर आर्थिक सहयोग, छात्र विनिमय और खालिस्तान समर्थित गतिविधियों पर चर्चा प्रस्तावित है।
कनाडा दौरे को लेकर विरोध, खासकर सिख संगठनों और महिला नेताओं से
हालांकि, पीएम मोदी की कनाडा यात्रा को लेकर विरोध के स्वर पहले से ही सुनाई दे रहे हैं। खासकर World Sikh Organization of Canada (WSO) ने इसे “कनाडा के मूल्यों से विश्वासघात” बताया है। संगठन का कहना है कि भारतीय एजेंसियों द्वारा सिख नेताओं पर हमलों के आरोपों के बीच यह आमंत्रण असंवेदनशील है।
कनाडा की महिला सांसद Jenny Kwan और Heather McPherson ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। Jenny Kwan ने कहा:
“मोदी का कनाडा आना उन समुदायों के लिए अपमानजनक है जिन्होंने न्याय की मांग की है।”
भारत की रणनीति और संभावित फायदे
सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह दौरा भारत की वैश्विक साख को मज़बूत करने और G7 जैसे मंचों पर रणनीतिक उपस्थिति दर्ज कराने की एक कोशिश है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि भारत कनाडा के साथ ठंडे पड़े रिश्तों को सुधारने के प्रयास कर रहा है।
भारत इस यात्रा में खालिस्तानी गतिविधियों पर सुरक्षा और इंटेलिजेंस सहयोग, साथ ही छात्रों और व्यापारियों को लेकर नए समझौतों पर चर्चा की योजना बना रहा है।
जन-प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया ट्रेंड
सोशल मीडिया पर इस दौरे को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ यूज़र्स ने इसे “राजनयिक साहस” बताया है, जबकि अन्य इसे “भावनात्मक मुद्दों की अनदेखी” मान रहे हैं।