बड़ा सवाल: शिक्षा, पद, पैसा, प्रतिष्ठा होने के बावजूद आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठा रहे हैं युवा ?

इंदौर, 10 जुलाई 2024

देश में जिस तरह युवाओं द्वारा आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं, उसने इस बात पर सोचने मजबूत कर दिया है कि आखिर क्या कारण है कि शिक्षा, पद, पैसा, प्रतिष्ठा होने के बावजूद आत्महत्या जैसा कदम युवा वर्ग क्यों उठा रहा है ? ताजा मामला हाल ही में मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के विभाग में पदस्थ एक युवा जनसंपर्क अधिकारी 33 वर्षीय पूजा थापक की आत्महत्या से जुड़ा है। मनोचिकित्सक इसे मेंटल इलनेस बता रहे हैं। देश में मेंटल इलनेस पर चर्चा होना महत्वपूर्ण विषय है।

मंत्री की जनसंपर्क अधिकारी ने की आत्महत्या

9-10 जुलाई: मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री प्रहलाद पटेल के कार्यालय में पदस्थ जनसम्पर्क अधिकारी पूजा थापक ने मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात आत्म हत्या कर ली है। शुरुआती कारण पति और सास से झगड़े की वजह बताई जा रही है। पूजा की ढाई साल पहले शादी हुई थी। उनका एक साल का बच्चा भी है। पति भी राजधानी भोपाल में सरकारी विभाग में पदस्थ हैं।

कर्नाटक के पूर्व मंत्री के दामाद ने की आत्महत्या

8 जुलाई: कर्नाटक के पूर्व भाजपा मंत्री वी सी पाटिल के 43 वर्षीय दामाद प्रताप कुमार ने सोमवार को अपनी कार में जहर पीकर कथित आत्महत्या कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रताप कुमार की शादी पाटिल की बड़ी बेटी सौम्या से हुई थी। पाटिल ने मीडिया को बताया कि प्रताप कुमार की शादी उनकी बड़ी बेटी से वर्ष 2008 में हुई थी। दोनों को कोई संतान नहीं थी, जिसकी वजह से प्रताप डिप्रेशन में थे। साथ ही धीमे धीमे वे एल्कोहल के आदि होने के साथ स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान रहने लगे थे। पाटिल ने बताया कि उन्होने प्रताप को अपने बेटे जैसा रखा था और पाटिल के राजनीतिक करियर और बिजनेस को आगे बढ़ाने में प्रताप का काफी सहयोग था।

सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसर ने की आत्महत्या

5 जुलाई: हाल ही में मलेशिया में एक युवा सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसर राजेश्वरी अप्पाहू (Rajeswary Appahu) उर्फ ईशा ने आत्महत्या कर ली है। 30 वर्षीय ईशा एक हिन्दू राइट्स एक्टिविस्ट भी बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईशा की आत्महत्या का कारण साइबर बुलिङ्ग से परेशान होना बताया जा रहा है। ये भी कहा जा रहा है कि आत्महत्या से एक दिन पहले उन्होने पुलिस को शिकायत भी की थी। उन्हें एक लाइव सेशन में tik tok यूजर ने जान से मारने और रेप की धमकी दी थी।

टीसीएस की प्रोजेक्ट मैनेजर ने बिल्डिंग से कूदकर की आत्महत्या

24 जून: इंदौर में 24 जून को बीसीएम हाइट्स बिल्डिंग की आठवीं मंजिल से कूदकर 37 वर्षीय सुरभि जैन ने खुदकुशी कर ली थी। वह टीसीएस कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर थी। खुदकुशी से पहले उसने पिता को मोबाइल पर मैसेज भेजकर “आय एम सॉरी” लिखा था। सुरभि का तलाक हो चुका था और वह पिता के साथ ही रहती थी। उनका डिप्रेशन का ट्रीटमेंट चल रहा था।

मंत्री ने कहा- आज की पीढ़ी में धैर्य नहीं

10 जुलाई: पूजा थापक के आकस्मिक निधन पर उनके विभाग के मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल की सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया आई है। उन्होने पूजा की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए आज की युवा पीढ़ी को सीख देते हुए कहा है,”हमारी नई पीढ़ी के पास धन, पद, शिक्षा, सब कुछ है पर शायद धैर्य नहीं है। उन्होने संयुक्त परिवारों की भी महत्वता बताते हुए आगे लिखा है, पहले भीषण परिस्थितियों में भी सम्मिलित परिवार ढाल बन जाते थे।”

आत्महत्या की मुख्य वजह मेंटल इलनेस – डॉ बुखारिया

मनोचिकित्सक डॉ निधि जैन बुखारिया बताती हैं कि इस तरह के आत्महत्या के मामले मेंटल इलनेस की वजह से हैं। व्यक्ति डिप्रेशन में होता है और उसे पता ही नहीं चलता है। आत्महत्या के मामलों में 20 प्रतिशत ही ऐसे मामले हैं जिनमें व्यक्ति आवेग में आकर अचानक आत्महत्या कर लेता है। शेष 80 प्रतिशत मामलों में उसे पहले कई बार आत्महत्या का ख्याल आया होता है, उसके बाद वह इतना बड़ा कदम उठाता है।

डॉ निधि जैन बुखारिया बताती हैं डिप्रेशन भी दो तरह का होता है। एक में कारण ज्ञात होता है। जैसे कोई परेशानी, समस्या है तो डिप्रेशन है। दूसरा कारण सब कुछ ठीक है, अच्छा चल रहा है, उसके बाद भी डिप्रेशन है। डिप्रेशन के कारणों को समझना जरूरी है। आपके सामान्य व्यवहार में यदि परिवर्तन आने लगे। भूख न लगे या अधिक भूख लगे। नींद नहीं आए या ज्यादा सोएँ। उदास रहना, कुछ अच्छा नहीं लगना। लोगों से मेल जोल नहीं रखना। चिड़चिड़ापन आदि। कुछ मामलों में डिप्रेशन जेनेटिक भी होता है। लक्षणों को समझ कर मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। दवाओं और काउंसलिंग से डिप्रेशन को हराया जा सकता है।

प्रत्यक्ष मेल-जोल कम, सोशल मीडिया से नजदीकी अधिक भी डिप्रेशन की वजह

डॉ बुखारिया आगे बताती हैं इसके साथ ही आज की बदलती जीवन शैली, सोशल मीडिया से बढ़ती नजदीकी और वास्तविक जीवन से युवा दूर हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक दूसरे की लाइफ स्टाइल देखकर एक तुलनात्मक व्यवहार आ जाता है। जैसे उसकी लाइफ मुझसे अच्छी कैसे ? जबकि सोशल मीडिया पर स्टेट्स वास्तविक न हों। आज की पीढ़ी का अपने परिवार, अच्छे दोस्तों, परिचितों, रिश्तेदारों, समाज से प्रत्यक्ष मेल- जोल काफी हद तक घट गया है। लिहाजा व्यक्तिगत संपर्क नहीं होने से भी आज के युवा डिप्रेशन में जा रहे हैं।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (UNI) से जुड़े। स्वतंत्र विश्लेषक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरी पकड़। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta यूट्यूब चैनल और NewsO2.com से जुड़े। 📌 निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।