एडीएम सपना लोवंशी को हाईकोर्ट ने लगाई 10 हजार की कॉस्ट
इंदौर, 28 अक्टूबर 2023
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मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट सपना लोवंशी पर दस हजार रु की कास्ट लगाई है। युगल पीठ के न्यायमूर्ति एस ए धर्माधिकारी और न्यायपूर्ति प्रणय वर्मा ने इंदौर की अपर कलेक्टर (एडीएम) लोवंशी को यह दस हजार रु कॉस्ट की राशि अपनी आय से अदा करने का आदेश भी दिया है। दरअसल यह आदेश वित्त सम्पत्तियों के प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्निर्माण और सुरक्षा हित प्रवर्तन अधिनियम (2002) सरफेसी एक्ट के तहत एक प्रकरण के निराकरण में बरती गई अनियमितता और अपने क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर एक एनबीएफसी संस्था के खिलाफ उठाए गए कदमों को लेकर दायर एक याचिका का निराकरण करते हुए दिया गया है।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक याचिका एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट कंपनी लिमिटेड के द्वारा दायर की गई थी। इस याचिका में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट सपना लोवंशी, मे. होटल सवेरा के प्रोप्राइटर अमन कुमार डाबर और अन्य को पक्षकार बनाया गया है। मामला अमन डाबर द्वारा एक ऋण (लोन) लिए जाने तथा उस लोन की नियमानुसार अदायगी नहीं किए जाने पर उनके द्वारा मोर्टगेज रखी गई संपत्ति को अपने अधिकार में लिए जाने से संबन्धित बताया जा रहा है। अदालत ने अपने फैसले में माना कि एडीएम सपना लोवंशी ने अदालत का कीमती वक्त वर्बाद किया है। यही वजह है कि उन पर दस हजार रु की कॉस्ट लगाई गई है।
उल्लेखनीय है कि बैंक को, एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थाओं के द्वारा अपने लोन वसूली के लिए विधि अनुसार जिला दंडाधिकारी (डीएम) की शरण ली जाती है। सरफेसी अधिनियम के तहत विचार में लाये गए ऐसे सभी प्रकरणों का डीएम और डीएम के आदेशानुसार एडीएम निर्धारित नियत प्रक्रिया के तहत सुनवाई कर निराकरण करने का अधिकार रखते हैं। उक्त मामले में एडीएम लोवंशी पर अपने क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर मामले में सुनवाई करने और कर्जदार को अवसर दिये जाने के आरोप लगाए थे। युगल पीठ ने यह फैसला बीती 18 अक्टूबर को सुनाया है। न्यायलीन सूत्रों के द्वारा यह मामला आज न्यूजओ2 के संज्ञान में लाया गया है। इस प्रकरण में एडीएम सपना लोवंशी की प्रतिक्रिया अब तक सामने नहीं आई है। साथ ही याचिका दायर करने वाले पक्ष से विस्तृत जानकारी लेने के बाद यह खबर अपडेट की जा सकती है।