इंदौर: आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की टीम ने शुक्रवार सुबह इंदौर नगर निगम जोन 16 के सहायक राजस्व अधिकारी (एआरओ) रहे राजेश परमार के ठिकानों पर छापा मारा। यह कार्रवाई उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत के बाद की गई। छापे की कार्यवाही बिजलपुर और बिचौली स्थित घरों पर एक साथ की गई, जिसमें कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं।
EOW की बड़ी कार्रवाई
ईओडब्लू को मिली शिकायत के आधार पर यह छापा डाला गया। बताया जा रहा है कि राजेश परमार को कुछ दिन पहले ही नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने निलंबित कर दिया था। राजेश परमार पूर्व में भी जोन 8 में पदस्थ रह चुके हैं, जहां उन्हें तत्कालीन नगर निगम अपर आयुक्त एस कृष्ण चैतन्य के खिलाफ नारेबाजी करने के आरोप में सस्पेंड किया गया था।
क्या-क्या मिला छापे में?
ईओडब्लू की जांच में राजेश परमार की 5 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज, नगदी और भारी मात्रा में जेवरात बरामद हुए हैं। राजेश परमार 1988 में नगर निगम में बेलदार के पद पर भर्ती हुए थे और बाद में राजस्व अधिकारी बने।
ईओडब्लू की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि परमार टैक्स वसूली और सीएम हेल्पलाइन मामलों में अनियमितताओं के चलते पहले से जांच के दायरे में थे। 10 फरवरी को उन्हें नोटिस जारी किया गया था, जिसके बाद निगम प्रशासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख
ईओडब्लू के डीएसपी पवन सिघाल ने बताया कि दस्तावेजों की जांच की जा रही है और अगर इसमें कोई अन्य व्यक्ति भी शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भविष्य की संभावित कार्रवाई
ईओडब्लू द्वारा जब्त परमार की अन्य अघोषित संपत्तियों का खुलासा आगे की जांच में हो।
इस छापे के बाद नगर निगम में हड़कंप मच गया है। इस कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि प्रशासन भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है।