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नई दिल्ली, 24 अगस्त (न्यूज़ ओ2)

पुलिस को धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात में अंतर करने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।

फैसले की महत्ता

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पुलिस अधिकारियों को धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के बीच अंतर करने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि दोनों अपराध स्वतंत्र और अलग-अलग हैं और एक ही तथ्यों के आधार पर एक साथ नहीं रह सकते हैं।

आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी में अंतर

आपराधिक विश्वासघात: यह अपराध तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के प्रति विश्वासघात करता है और उसके साथ धोखाधड़ी करता है। इसमें विश्वासघात का तत्व होता है और यह अपराध अधिक गंभीर माना जाता है।

धोखाधड़ी: यह अपराध तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को धोखा देता है और उसके साथ बेईमानी करता है। इसमें विश्वासघात का तत्व नहीं होता है और यह अपराध आपराधिक विश्वासघात की तुलना में कम गंभीर माना जाता है।

फैसला किसने दिया

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रसन्ना भालकृष्ण वराले ने यह फैसला दिया है।

मामले की जानकारी

इस मामले में एक व्यक्ति ने संपत्ति की बिक्री के लिए समझौते का पालन न करने के लिए तीन व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। कोर्ट ने कहा कि बिक्री के लिए समझौते का पालन न करना धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का अपराध नहीं है।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।