इंदौर से भाग्य आजमा रहे प्रत्याशी राजनीति का पहला सबक सीख गए हैं..!
मतपेटियों में बंद 14 प्रत्याशियों का भाग्य आज खुलेगा
इंदौर, 03 जून 2024
इंदौर लोक सभा चुनाव 2024 में इस बार 14 प्रत्याशियों ने ताल ठोकी है। 4 जून को मतगणना में आज इन प्रत्याशियों का भविष्य की दिशा तय होगी। शुरू से ही एक पक्षीय चल रहे चुनाव में भाजपा की जीत तय मानी जा रही है। इसके बावजूद खास बात यह रही है कि सभी प्रत्याशियों ने इस चुनाव में एक बात सीख ली है कि राजनीतिक रूप से हार नहीं मानना है। सभी प्रत्याशी अपनी जीत के लिए पूर्ण आश्वस्त हैं। न्यूज़ओ2 ने प्रत्याशियों से मतगणना को लेकर बात की। उनके उनका मतगणना के दिन का शेड्यूल भी जाना । भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी जहां खजराना गणेश के दर्शन करके अपने दिन की शुरुआत करेंगे तो वहीं अधिकतर प्रत्याशियों को सुबह 5:30 बजे स्ट्रॉंग रूम खुलने के पहले मतगणना स्थल नेहरू स्टेडियम जाना प्राथमिकता है।
12 लाख से जीत तय- शंकर लालवानी
भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी हाल ही में स्वस्थ होकर असपताल से डिस्चार्ज हुए हैं। लालवानी ने दावा किया कि उन्हें 12 लाख से अधिक मत मिल रहे हैं। लालवानी अपनी जीत का श्रेय पार्टी को देते हुए कहते हैं कि ये उनकी नहीं पार्टी के वोट हैं। मतगणना के दिन का शेड्यूल पूछे जाने पर बताते हैं कि सुबह खजराना गणेश मंदिर के दर्शन से दिन की शुरुआत होगी। उसके बाद विध्याधाम पर चंडी यज्ञ का आयोजन है। यज्ञ के बाद 400 किलो लड्डू बांटे जाएँगे। दोपहर को स्टेडियम होते हुए भाजपा कार्यालय और शाम 6 बजे राजबाड़ा पर अहिल्या प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे।
भाजपा में जश्न की तैयारी
पार्टी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कार्यालय पर पर तीन हजार से 4 हजार लोगों की मिठाई बनवाई जा रही है। चुनाव परिणाम देखने बड़ी एलईडी लगाई जा रही है। जश्न मनाने डीजे की व्यवस्था की है। आधा दर्जन से अधिक बड़ी फूल मालाएँ मँगवाई गई हैं। हर स्तर पर कार्यकर्ताओं को जश्न की सूचना दे दी गई है।
कम से कम ढाई लाख वोट नोटा को
कांग्रेस शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्डा ने कहा 150 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को 8 विधान सभाओं में मतगणना स्थल पर तैनात किया जाएगा। जैसे कि ऊपर से निर्देश मिले हैं, कार्यकर्ता आखिरी तक ही उठेगा। नोटा कम से कम ढाई लाख वोट लाएगा।
उल्लेखनीय है कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर अक्षय बम ने चुनावी ताल ठोकी थी लेकिन एन मौके पर बम ने नामांकन फॉर्म उठाकर कांग्रेस को प्रत्याशी विहीन कर दिया है। इसी वजह से मतदान के दिन भी कांग्रेस मैदान से नदारद दिखी। कांग्रेस ने नोटा का प्रचार किया है, देखना दिलचस्प है नोटा को कितने वोट मिलेंगे ?
मेरी बात लोगों तक पहुँच गई, मैं चुनाव जीत गया – जैन
संघ की पृष्ठभूमि से अलग होकर खुद की जनहित पार्टी खड़ी करने वाले और इंदौर लोक सभा के लिए निर्दलीय लड़ने वाले अभय जैन बताते हैं की मतों की संख्या उनका लक्ष्य नहीं है। उनकी बात, उनके जनहित के मुद्दे जनता तक पहुँच गए हैं तो उनकी जीत हो गई है। शिक्षा-चिकित्सा माफिया के खिलाफ लगाम, पर्यावरण संरक्षण और धन- बल से मुक्त राजनीति उनके लक्ष्य हैं।
18 बार जमानत जब्त के बाद भी धरतीपकड़ का जज्बा कम नहीं
35 साल में इस बार 19 वां चुनाव लड़ रहे परमानंद तोलानी बताते हैं कि हर बार निर्वाचन आयोग उनका चुनाव चिन्ह बदल देता है। इस बार मैं निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिख रहा हूँ । तोलानी अपने पिता की लगातार चुनाव लड़ने की परंपरा निभा रहे हैं । तोलानी की हर बार जमानत जब्त हो जाती है, इसके बावजूद उनका जज्बा कम नहीं हुआ है। इस बार भी 19 वीं बार उन्होने चुनावी ताल ठोकी है और इस बार जीत के लिए आश्वस्त हैं।
प्रचार में भाजपा पर बसपा भारी- संजय सोलंकी
बसपा प्रत्याशी संजय सोलंकी ने कहा कि सुबह 5 बजे ही मैं मतगणना स्थल पहुँच जाऊंगा। 6 बजे सभी कार्यकर्ता आ जाएँगे। कार्यकर्ताओं के बीच रहूँगा और उनका सहयोग करूंगा। भाजपा ने तो इस बार प्रचार ही नहीं किया है। कांग्रेस का नोटा भी फीका रहा। हम जनता के बीच रहे हैं, एससी-एसटी-ओबीसी वोटर्स हमारे साथ हैं। जीत के बाद हम मंदिर जाएँगे।
निशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा हो- खंडेलवाल
युवा 29 वर्षीय प्रत्याशी लवीश खंडेलवाल भी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं और कहते हैं वे दूसरे नंबर पर आ रहे हैं । मुफ्त की रेवड़ियाँ बंद होने और निशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा देने की पैरवी करते हैं।
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निश्वार्थ सेवा की, जीत होगी- गुप्ते
एडवोकेट पंकज गुप्ते अपनी जीत के लिए पूरे आश्वस्त हैं। बताते हैं कि गरीबों के खूब केस निशुल्क लड़े हैं। कई लोगों की निश्वार्थ भाव से सेवा की है। जीत जरूर होगी। द्वारकपुरी में रहते हैं। सुबह रणजीत हनुमान मंदिर के दर्शन करके ईवीएम के पास पहुँचना प्राथमिकता बताते हैं। जीत के बाद जुलूस भी निकालने का दावा कर रहे हैं।
निर्दलीय प्रत्याशी मुदित चौरसिया कहते हैं कि जनता को जागरूक और जिम्मेदार होने की जरूरत है । जब तक जनता ये नहीं पूछेगी कि आपको वोट क्यों दें ? तब तक सही प्रत्याशी का चयन मुश्किल है।