‘पोहा दिवस विशेष’
पोहा यानी ‘इंदौर के दिल की धड़कन’
क्यों कहते हैं इंदौर को पोहा सिटी ?
इंदौर, 7 जून 2024
कहते हैं भौगोलिक स्थिति के फलीभूत हर जगह का खान पान वहां के बाशिंदों की अभिन्न पहचान को स्थापित करता है। ऐसे में भले ही द्वापरयुग में सुदामा के हाथ योगेश्वर कृष्ण तक खाद्य पोहे के पहुंचने की कथाएं प्रचलित है, लेकिन पोहे के लिए अटूट प्रेम, दीवानगी और भक्ति देखनी हो तो आप हिंदुस्तान के दिल मध्यप्रदेश के केंद्र और आर्थिक राजधानी इंदौर का रुख कर सकते हैं। आप जानकर हैरान रह जाएँगे कि हम इंदौरी प्रतिदिन 5-6 क़्वींटल पोहे सुबह का नाश्ते में खा जाते हैं। भोजन को पेट-पूजा कहने वाले जरा समझें, इंदौर में धार्मिक स्थलों में किसी ईश्वर की कुल संख्या से भी ज्यादा यदि कलयुग में किसी की मौजूदगी है तो वो सुबह-सुबह खुली ठेले, गुमटियों, ठियों, दुकानों और शोरूमनुमा बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों के रूप में पोहे की दुकान है।
नेहरू से लेकर अमिताभ तक इंदौरी पोहे के मुरीद
एमजी रोड पर बबलू श्री कोल्ड्रिंक के नाम से रेस्टोरेंट चलाने वाले सोहनलाल नागर बताते है कि 85 नगर निगम वार्डो में विभाजित इंदौर के नगरीय हिस्से में ही पोहे की लगभग 8 से 10 हजार से ज्यादा दुकानें होने का अनुमान है। इंदौर में पोहा की शुरुआत करने का श्रेय महाराष्ट्र से यहां आकर बसे पुरुषोत्तम जोशी को दिया जाता है। 1949-50 में यहां अपनी पोहे की एकमात्र दुकान शुरू करने वाले पुरूषत्तोम का पोहा आज इंदौर के 90 प्रतिशत लोगों के सुबह का नाश्ता बन चुका है। इंदौरी पोहे के जायके के कायल केवल इंदौरी ही नहीं देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू हो या सदी के रुपहले महानायक अमिताभ बच्चन देश और विदेश की कई हस्तियां इंदौरी पोहे की मुरीद है।
स्वाद ही नहीं स्वास्थ्य का खजाना भी है पोहा
चावल को पीटकर तैयार किये जाने वाला पोहे में चावल में पाए जाने वाले सभी पोषक तत्व होना तो लाजमी है ही। पेट के लिए बेहद हल्का माने जाने वाला यह आहार नींबू, हलकी शक्कर, धनिया, हरीमिर्च और प्याज के साथ परोसा जाता है। फायबर से भरपूर पोहा आपके स्वास्थ्य के लिए खजाने की तरह है।
पोहा है कंप्लीट मील – डॉ श्रीवास्तव
डाइटीशियन डॉ रश्मि श्रीवास्तव ने बताया कि पोहा सुपाच्य होने के साथ ऊर्जा से भरपूर होता है। पोहे मेन बूंदी, सेव डालकर खाने से प्रोटीन बैलेंस हो जाता है। प्याज और टमाटर डालकर खाने पर फायबर, मिनरल्स और विटामिन जैसे पोषक तत्व मिलते हैं। उसल पोहा खाने पर उच्च गुणवत्ता में प्रोटीन मिलता है क्योंकि इसमें स्प्राउट मूंग होती है। दही पोहा भी प्रोटीन एक अच्छा विकल्प है। गर्भवती महिलाएं और डाइबिटिक पेशेंट ( मधुमेह) भी पोहा को ब्रेकफ़ास्ट में सब्जियों के साथ ले सकते हैं।
पोहा easy to prepare, easy to eat है
जानकार बताते हैं कि चूंकि इंदौर मध्य प्रदेश का एजुकेजन हब और इंडस्ट्रियल सिटी है। यहाँ अधिकतर स्टूडेंट्स/ इम्प्लोइज़ शहर के बाहर से आते हैं। जो सामान्यत: हॉस्टलों, पीजी या फ्लैट में रहते हैं । स्वादिस्त पोहा इंदौर में किसी भी कोने में 10 से 15 रु में आसानी से मिल जाता है। साथ ही घर में भी बनाओ तो जल्दी बन जाता है। “easy to prepare, easy to eat and easy to digest” होता है पोहा, इसलिए लोग इसे ज्यादा पसंद करते हैं।
यूपी के एक शहर से इंदौर पढ़ने आए पीयूष जैन को सुबह और देर रात दोनों समय पोहा नाश्ते में चाहिए। पीयूष बताते हैं कि पोहा में शक्कर, नीबू, जीरावन और नमकीन का जो कोंबिनेशन है, वह उन्हें बेहद पसंद है। इंदौरी पोहा बहुत सॉफ्ट होता है, भाप में पकता है । आसानी से पेट भी भर जाता है और डाइजेस्टेबल होता है, इसलिए उन्हें पोहा बेहद पसंद है।
भोपाल से यहाँ जॉब करने आए राहुल शर्मा बताते हैं कि सुबह ऑफिस जाने की जल्दी होती है, पोहा रास्ते में कहीं भी मिल जाता है, इसलिए ब्रेकफ़ास्ट की प्राथमिकता पोहा रहती है।