“सोया फूड्स के प्रसार से देश को मिलेगी पोषण और आर्थिक आत्मनिर्भरता”
“हर भारतीय थाली में सोया शामिल करने का संकल्प”
सोया कॉन्क्लेव 2025 के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने बताया — सोयाबीन है भारत के पोषण आत्मनिर्भरता की कुंजी
इंदौर: सोया कॉन्क्लेव 2025 के दूसरे दिन देशभर से आए कृषि वैज्ञानिकों, उद्योग विशेषज्ञों और पोषण विशेषज्ञों ने एकमत होकर कहा कि भारत में प्रोटीन की कमी को दूर करने और संतुलित आहार को बढ़ावा देने का सबसे सरल उपाय — सोयाबीन को नियमित भोजन में शामिल करना है।
सोपा sopa (Soyabean Processors Association of India) द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्य विषय रहा —
“हर थाली में सोया: सस्ता, पौष्टिक और टिकाऊ प्रोटीन का स्रोत।” “सोयाबीन — प्रोटीन, ऊर्जा और स्वास्थ्य का संपूर्ण पैकेज”
SOPA के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन ने कहा “सोयाबीन प्रकृति का दिया हुआ ऐसा सुपरफूड है, जिसमें 40% तक प्रोटीन, आवश्यक अमीनो एसिड, कैल्शियम, आयरन और विटामिन बी समूह प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यदि हम इसे अपने दैनिक भोजन में शामिल करें तो न केवल प्रोटीन की कमी खत्म होगी बल्कि कुपोषण और ‘हिडन हंगर’ जैसी समस्याओं पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा।”
उन्होंने कहा कि सोया आधारित उत्पाद जैसे सोया आटा, सोया दूध, टोफू, सोया चंक्स और सोया स्नैक्स को आम आहार का हिस्सा बनाने की दिशा में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
नीति-स्तर पर बदलाव की जरूरत
डॉ. जैन ने सरकार से अपील की कि सोया फूड्स को मिड-डे मील, आंगनवाड़ी, पोषण अभियान और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा— “सोया प्रोटीन दालों से तीन गुना सस्ता है, और भारत जैसे विकासशील देश के लिए यह सस्ती पोषण सुरक्षा का सबसे प्रभावी समाधान है।”
वैज्ञानिक दृष्टिकोण और किसान हित
दूसरे दिन के तकनीकी सत्रों में कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि उच्च उत्पादकता वाली, जलवायु सहिष्णु सोया किस्में देश के विभिन्न agro-climatic zones के लिए विकसित की जा रही हैं। SOPA ने किसानों से “सोया सीड रेवोल्यूशन” से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि बेहतर बीज, वैज्ञानिक खेती और मूल्य संवर्धन के ज़रिए भारत जल्द ही तेल व प्रोटीन आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा सकता है।
भारत का लक्ष्य — “बीज से थाली तक आत्मनिर्भरता”
सम्मेलन के समापन सत्र में यह संकल्प लिया गया कि
2026 को ‘सोयाबीन वर्ष’ घोषित करने की सिफारिश जारी रखी जाएगी
2030 तक सोया फूड्स की खपत दोगुनी करने का लक्ष्य रहेगा
और किसानों को उन्नत बीज तकनीक से जोड़कर देश को “बीज से थाली तक आत्मनिर्भर” बनाने की दिशा में SOPA निरंतर कार्य करेगा।
