राजेश जैन दद्दू, इंदौर

3 अगस्त 2024

7724038126

अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर जी महाराज ने चातुर्मास के दूसरे पड़ाव के चौथे दिन हाई लिंक सिटी पर आयोजित धर्म सभा में कहा कि अगर आप अपनी दृष्टि में परिवर्तन लाते हैं, तो सृष्टि में भी अपने आप बदलाव आ जाएगा। भक्तामर महामंडल के 12 दिन चलने वाले कार्यक्रम का आज तीसरा दिन बड़ी भक्ति भाव से मनाया गया।

12 काव्यों में 672 अर्घ्य पूर्ण

चातुर्मास धर्म प्रभावना रथ के दूसरे पड़ाव के चौथे दिन, हाई लिंक सिटी में भक्तामर विधान के तीसरे दिन 224 अर्घ्य चढ़ाए गए। इस अवसर पर जिनेंद्र भगवान का अभिषेक और शांति धारा की गई। भक्तामर महामंडल विधान के पुण्यार्जक महेंद्र ममता, शुभम कनिका, विनय, रीत, और विहा पहाड़िया को इस सौभाग्य का लाभ प्राप्त हुआ। इसके बाद नित्य नियम पूजन के साथ आज 4 काव्य की आराधना की गई और तीन दिन में कुल 12 काव्यों में 672 अर्घ्य पूर्ण किए गए।

मुनि श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब दृष्टि बदलती है, तो सृष्टि भी अपने आप बदल जाती है। उन्होंने कहा कि संसार में चाहे कोई कुछ भी कहे या करे, अपनी दृष्टि को हमेशा प्रेम, दया, वात्सल्य और सहयोग के भाव से रखें। यदि आपकी दृष्टि सकारात्मक होगी, तो कर्मों का बंधन नहीं होगा, लेकिन नकारात्मक दृष्टि से कर्मों का बंधन हो सकता है। मुनि श्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे मारीची ने मिथ्यामत छोड़ा और महावीर बन गए, वैसे ही हमें भी अपनी दृष्टि बदलनी चाहिए। राम ने भी अपनी दृष्टि में वैभव और राजपाठ को छोड़कर पिता के वचनों को स्वीकार किया और वनवास को स्वीकृति दी।

मन की उपजाऊ भूमि में सकारात्मक भाव लें जन्म

मुनि श्री ने कहा कि मन एक उपजाऊ भूमि है, जिसमें सकारात्मक भाव और विचारों की उपज होती है। यदि सकारात्मक भाव और विचार होंगे, तो मन हमेशा हरा-भरा रहेगा, लेकिन कषाय और घृणा से यह बंजर भूमि की तरह हो जाएगा। धन की दृष्टि को भविष्य की ओर रखते हुए, व्यवहार की दृष्टि को भी भविष्य की ओर रखना चाहिए।

आचार्य श्री अभिनंदन महाराज के चित्र अनावरण और दीप प्रज्वलन महेंद्र पहाड़ियां परिवार द्वारा किया गया। अंतर्मुखी पूज्य सागर जी महाराज के पाद पक्षालन का सौभाग्य महावीर अजमेरा, इमली बाजार वालों को और शास्त्र भेट महेंद्र गंगवाल, ऋषभ अजमेरा व महेंद्र ममता पहाड़िया परिवार को प्राप्त हुआ।