इंदौर, 6 अगस्त, 2024:

कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर इंदौर में भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान में तेजी लाई जाएगी। अगले एक माह में इंदौर को पूरी तरह से भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने का लक्ष्य है। इस उद्देश्य के लिए नगर निगम और अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा मिशन मोड में कार्य किया जाएगा।

कलेक्टर आशीष सिंह ने नगर निगम के झोनल अधिकारियों की बैठक में इस योजना की जानकारी दी।

कलेक्टर सिंह ने कहा कि भिक्षावृत्ति से मुक्त शहर बनाने के अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। उन्होंने अधिकारियों से मिशन मोड में काम करने की अपील की और भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बार-बार समझाइश देने के बावजूद नहीं मानने वाले भिक्षुकों की सूची तैयार की जाये और उन्हें सेवा धाम उज्जैन या उनके पैतृक स्थान भेजने की व्यवस्था की जाये।

भिक्षावृत्ति और बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए जारी आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। आदेश के अनुसार भिक्षुओं को भीख स्वरूप कुछ भी देना या नाबालिग बच्चों से कोई सामान खरीदना निषेध है। उल्लंघन पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश 14 सितम्बर 2024 तक प्रभावशील रहेगा।

बैठक में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, स्मार्ट सिटी के सीईओ दिव्यांक सिंह, नगर निगम के अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन, महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधोलिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।