twice press conferences in a week

इंदौर 

29 अप्रैल 2024 को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नामांकन वापस लेने के चंद घंटे बाद शाम को भाजपा कार्यालय में मुखातिब अक्षय बम ने भाजपा में शामिल होने का कारण सनातन धर्म की रक्षा, हिन्दू संस्कृति का प्रचार बताया था । एक ही हफ्ते में बम ने दूसरी बार प्रेस वार्ता कर रविवार (5 मई) को पलटते हुए कहा कि उन्हें कांग्रेस पार्टी और संगठन का सहयोग नहीं मिल रहा था और अकेले के बूते चुनाव जीतना संभव नहीं था। दोनों प्रेस वार्ताओं में डिफ्यूज (Defused) होकर बम कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में दाखिल होने के कारण न बता पा रहे हैं, न जता पा रहे हैं।

करीब 4 मिनट चली पहली वार्ता

29 अप्रैल की शाम भाजपा कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में अक्षय बम और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अपने बचाव में सनातन धर्म की रक्षा का तर्क देते रहे और मीडिया के सवालों का बिना जवाब दिए 4 मिनट में एक पक्षीय वार्ता खत्म कर दोनों चल दिए। https://newso2.com/indore-political-briefing-akshay-bam-kailash-vijayvargiya-press-conference

ताई की नाराजगी आई सामने

इस सियासी उलटफेर से 8 बार की इंदौर लोकसभा से सांसद रही सुमित्रा महाजन (ताई) की नाराजगी भी सामने आई। इसके बाद चौतरफा दबाव झेल रही बम और विजयवर्गीय को आज मीडिया से मुखातिब होना पड़ा। https://newso2.com/response-to-indore-congress-candidate-joining-bjp-controversy-and-sumitra-mahajan-commentary-on-the-issue

40 मिनट चली दूसरी वार्ता

सियासी घटनाक्रम के एक हफ्ते बाद 5 मई की सुबह पार्टी कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता लगभग 40 मिनट चली जिसमें अक्षय कांग्रेस संगठन, पार्टी सिस्टम को जिम्मेदार ठहराते रहे । यहाँ तक बम ये तक बोले कांग्रेस के नेतृत्व की वजह से यदि मैं चुनाव बाद भाजपा में शामिल होता तो मतदाताओं के साथ ज्यादा गलत होता। बम ने कांग्रेस के स्टार प्रचारक सचिन पायलट का नाम लिए बगैर कहा कि पार्टी से कहने के बावजूद भी एक बड़े नेता तक की सभा मेरे लिए नहीं कराई गई जबकि वे दो घंटे इंदौर एयरपोर्ट पर बैठे रहे। https://newso2.com/akshay-bam-leaves-congress-lack-of-party-support

आखिर क्यों बम और पटवारी एक दूसरे का नाम लेने से बच रहे हैं ?

कैलाश विजयवर्गीय को अपना हीरो बताने वाले बम से मीडिया ने कई बार कांग्रेस में उन्हें असहयोग करने वाले का नाम पूछा लेकिन बम ने एक शब्द भी कुछ नहीं बोला । उधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी प्रेस वार्ता में  इस सियासी घटनाक्रम में अक्षय को जिम्मेदार न ठहराते हुए भाजपा को ठहराया । एक ही विधान सभा क्षेत्र से आने वाले आखिर क्यों, न ही बम न ही पटवारी एक दूसरे के खिलाफ कुछ बोलने से बच रहे हैं ? सियासी गलियारों में इस चुप्पी को दोनों की साँठ गांठ से जोड़कर देखा जा रहा है । उल्लेखनीय है लंबे समय से टिकट की मांग कर रहे बम का टिकट प्रदेश अध्यक्ष ने फाइनल कराया था।

आज हुई प्रेस कांफ्रेस में एक और नोटिस करने वाली बात सामने आई कि अक्षय ने सनातन का एक भी बार नाम तक नहीं लिया । इससे यह तो स्पष्ट हो गया कि बम ने पहली वार्ता में भाजपा के दिए हुए शब्द बोले थे और आज अपने व्यक्तिगत कारणों, अवसरवादिता को सर्वोपरि रख कांग्रेस को दगा देकर भाजपा में शामिल होना बताया। https://newso2.com/recent-bam-kand-madhya-pradesh-congress-vulnerability-digvijay-game