हिंदी में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर की ऐतिहासिक पहल

इंदौर। हिंदी माध्यम में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर ने नई पहल की है। महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल ने हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।

कार्यक्रम में बताया गया कि हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। साथ ही, हिंदी माध्यम से चिकित्सा शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को आकर्षक नकद पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

पुरस्कारों का विवरण:

स्नातक स्तर पर मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने पर:

प्रथम स्थान – ₹2 लाख (मातृभाषा रत्न)

द्वितीय स्थान – ₹1.5 लाख (मातृभाषा विभूषण)

तृतीय स्थान – ₹1 लाख (मातृभाषा भूषण)

चतुर्थ स्थान – ₹50 हजार (मातृभाषा श्री)

प्रत्येक वर्ष की मेरिट सूची में:

प्रथम स्थान – ₹1 लाख

द्वितीय स्थान – ₹75 हजार

तृतीय स्थान – ₹50 हजार

चतुर्थ स्थान – ₹25 हजार

इस पहल का उद्देश्य हिंदी माध्यम में चिकित्सा शिक्षा को सम्मानजनक और प्रभावी बनाना है।

हिंदी सप्ताह के अंतर्गत विविध प्रतियोगिताएं
कार्यक्रम के दौरान हिंदी सप्ताह मनाते हुए पोस्टर, स्लोगन, निबंध लेखन, शब्दावली प्रदर्शनी, और संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। ‘हिंदी में चिकित्सा शिक्षा: अवसर, चुनौतियां एवं समाधान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विद्यार्थियों ने हिंदी भाषा में चिकित्सा अध्ययन से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।

कुलपति डॉ. खंडेलवाल ने कहा, “मातृभाषा में शिक्षा न केवल आत्मविश्वास बढ़ाती है बल्कि चिकित्सकीय सेवा की गुणवत्ता भी बेहतर करती है।”

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है। 

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