इंदौर – एमवाय अस्पताल में बढ़ा हंगामा, जयस-डॉक्टर्स आमने-सामने

एमवाय अस्पताल में बीते दिनों नवजात शिशु की चूहे के कुतरने से हुई दर्दनाक मौतों के बाद से जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) लगातार तीसरे दिन अस्पताल परिसर में धरना दे रहा है। संगठन डीन और अधीक्षक को निलंबित करने, जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने और पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग पर अड़ा है।

इधर, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और नर्सिंग एसोसिएशन ने आज मैदान संभालते हुए जयस को अस्पताल प्रांगण से हटाने की मांग तेज कर दी। एसोसिएशन का कहना है कि धरने के चलते अस्पताल की शांति भंग हो रही है और मरीजों व डॉक्टरों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। यदि जयस नहीं हटे तो डॉक्टर्स ने भी प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एडीएम रोशन राय और एडीएम प्रदीप सोनी अस्पताल पहुंचे और अधीक्षक के कक्ष में डीन डॉ अरविंद घनघोरिया के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक जारी है।

मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सदस्य डॉ. डी.के. शर्मा ने बताया कि 21 सितंबर को ही एडिशनल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) को लिखित शिकायत देकर जयस को हटाने की मांग की गई थी, लेकिन तीन दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तुषार सिंह का कहना है कि उन्हें एमवायएच की ओर से कोई शिकायत या ज्ञापन प्राप्त ही नहीं हुआ है।

धरने को हटाने का दबाव बनाने के लिए प्रशासन ने प्रदर्शन स्थल और वीआईपी गेट पर एम्बुलेंस की कतार लगा दी है। एम्बुलेंस लगातार सायरन बजाते हुए मरीजों को लाती-ले जाती रही।

इस पर जयस संगठन ने आरोप लगाया कि “इस गेट का उपयोग मरीजों के लिए सामान्य रूप से नहीं होता, लेकिन हमें हटाने के लिए एम्बुलेंस का शोर कर माहौल बनाया जा रहा है। जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिलेगा, हम यहां से नहीं हटेंगे।”

👉 एक ओर पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहा जयस डटा हुआ है, तो दूसरी ओर अस्पताल का मेडिकल स्टाफ और प्रशासन शांति और व्यवस्था बहाल करने के दबाव में है

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।